इरफान खान के दमदार डायलॉग्स, जिन पर फैन्स ने मारी सीटी तो कभी हुए इमोशनल

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नई दिल्ली(एजेंसी): बॉलीवुड एक्टर इरफान खान का बुधवार को निधन हो गया। उनकी मौत की खबर सुनकर पूरा देश सदमे में हैं। मंगलवार को उनकी अचानक तबीयत खराब हुई थी जिसके बाद उन्हें कोकिलाबेन अस्पताल में एडमिट कराया गया था लेकिन मौत के साथ जंग में वह हार गए। इरफान को उनकी बेहतरीन एक्टिंग के लिए जाना जाता है। हीरो का रोल हो या फिर विलेन की भूमिका, उन्होंने अपनी सहजता भरी एक्टिंग से लोगों के दिल में खास जगह बनाई है। फिल्मों में उनके डायलॉग्स आज भी लोगों के दिलो दिमाग में हैं। आइये आज उनके कुछ दमदार डायलॉग्स को याद करते हैं।

हैदर
दरिया भी मैं, दरख्त भी मैं, झेलम भी मैं चिनार भी मैं, दैर हूं हरम भी हूं, शिया भी हूं सुन्नी भी हूं, मैं हूं पंडित, मैं था मैं हूं और मैं ही रहू्ंगा।

गुंडे
‘पिस्तौल की गोली और लौंडिया की बोली जब चलती है, तो जान दोनों में ही खतरे में होती है।’

हासिल
और जान से मार देना बेटा, हम रह गये ना, मारने में देर नहीं लगाएंगे, भगवान कसम।

सुपुर्द-ए-खाक हुए इरफान खान, परिवार और करीबी लोग ही हो पाए शामिल
पीकू
डेथ और शिट, किसी को, कहीं भी, कभी भी, आ सकती है।

मदारी
तुम मेरी दुनिया छीनोगे, मैं तुम्हारी दुनिया में घुस जाउंगा।
हिंदी मीडियम
एक फ्रांस बंदा, जर्मन बंदा स्‍पीक रॉन्‍ग इंग्‍लिश, वी नो प्रॉब्‍लम, एक इंडियन बंदा से रॉन्‍ग इंग्‍लिश, बंदा ही बेकार हो जाता है जी।

डीडे
गलतियां भी रिश्‍तों की तरह होती हैं, करनी नहीं पड़ती, हो जाती है।

जज़्बा
शराफत की दुनिया का किस्‍सा ही खतम, अब जैसी दुनिया वैसे हम।

पान सिंह तोमर
बीहड़ में बागी होते हैं, डकैत मिलते हैं पार्लियामेंट में।

साहेब बीवी और गैंगस्टर
हमारी तो गाली पर भी ताली पड़ती है।

तलवार
किसी भी बेगुनाह को सजा मिलने से अच्छा है दस गुनहगार छूट जाए।

कसूर
आदमी जितना बड़ा होता है, उसके छुपने की जगह उतनी ही कम होती है।

लाइफ इन मेट्रो
ये शहर हमें जितना देता है, बदले में कहीं ज्‍यादा हम से ले लेता है।

करीब करीब सिंगल
टोटल तीन बार इश्‍क किया, और तीनों बार ऐसा इश्‍क मतलब जानलेवा इश्‍क, मतलब घनघोर हद पार।

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