नई दिल्ली(एजेंसी):कोरोना संक्रमण ने हवाई सफर का नजारा पहले ही बदल दिया है। यात्रियों से लेकर चालक दल के सदस्यों तक के लिए मास्क पहनना अनिवार्य है। अब कई विमानन कंपनियां विमान में सोशल डिस्टेंसिंग से जुड़े नियम तोड़ने वाले यात्रियों को टोकने के लिए चौकीदार तैनात करने की सोच रही हैं। वहीं, कुछ कंपनियों ने सीट व्यवस्था में बदलाव के उपाय तलाशने तेज कर दिए हैं, ताकि मुसाफिरों के बीच सामाजिक दूरी सुनिश्चित की जा सके। आइए ऐसे ही कुछ उपायों पर नजर डालें…
डबल डेकर सीट
-अमेरिकी डिजाइनर जेफरी ओनील ने ‘जेफायर सीट’ नाम की एक डबल डेकर सीट डिजाइन की है, जो न सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग पर अमल सुनिश्चित करेगी, बल्कि यात्रियों को आराम से पैर फैलाकर बैठने या लेटने तक की सुविधा देगी। इससे यात्रियों की निजता में खलल भी नहीं पड़ेगी।
-03 साल लग सकते हैं ‘जेफायर सीट’ का व्यावसायिक इस्तेमाल शुरू होने में
कार्गो से लैस कैबिन
-डिजाइन फर्म हैको ने एक ऐसे कैबिन का खाका पेश किया है, जिसमें यात्रियों के बैठने के साथ ही माल रखने की भी व्यवस्था होगी। दरअसल, कार्गो से लैस इस कैबिन में सीटों के बीच माल रखा जाएगा, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग पर अमल हो सके और विमानन कंपनियों को कमाई का भी मौका मिले।
द जेनस डिजाइन
-एवियो इंटीरियर्स ने ‘द जेनस डिजाइन’ पेश की है, जिसके तहत तीन सीट वाली हर कतार में बीच की सीट का मुंह पीछे की दिशा में करने का प्रस्ताव है। यही नहीं, हर सीट के आगे-पीछे पारदर्शी शील्ड लगाई जाएगी, ताकि प्रत्येक यात्रियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित किया जा सके।
3-डी प्रिंटर से बनी एयर शील्ड
-ब्रिटिश कंपनी ‘टीग’ के शोधकर्ता 3-डी प्रिंटर की मदद से एक ऐसी ‘एयर शील्ड’ बनाने की कोशिशों में जुटे हैं, जो यात्रियों की नाक और मुंह से निकलने वाली पानी की सूक्ष्म बूंदों (एयरोसोल) को नीचे की तरफ रखेगी, ताकि हवा में कोरोना सहित अन्य जानलेवा वायरस का प्रसार न हो सके।
इंटरस्पेस लाइट सीट
-हवाई जहाज निर्माता कंपनी ‘सैफरन’ ने ‘द इंटरस्पेस लाइट सीट’ पेश की है, जिसे विमान की हर कतार की बीच वाली सीट की जगह तैनात किया जा सकेगा। यह सीट न सिर्फ यात्रियों के बीच सामाजिक दूरी बनाए रखने में मददगार होगी, बल्कि उन्हें सिर टिकाकर आराम फरमाने का मौका भी देगी।
रिमूवेबल शील्ड
-मशहूर एयरोनॉटिकल इंजीनियर फ्लोरियन बरजोत ने विमान की बीच वाली सीट के लिए एक ‘रिमूवेबल शील्ड’ ईजाद की है, जिसे तैनात करने के लिए डिजाइन में कोई बदलाव नहीं करना होगा। यह शील्ड यात्रियों को चारों ओर से एयरोसोल से सुरक्षित रखने वाली ‘फेस शील्ड’ की तरह काम करेगी।