जिला अस्पताल के युवा और प्रसिद्ध चिकित्सक से जानें वैक्सीन के बारे में, दूर करें भ्रांतियां
कोरबा@M4S:कोरबा के जिला अस्पताल में पदस्थ एमडी मेडिसीन और कोविड अस्पताल के पूर्व इंचार्ज डाॅ. प्रिंस जैन ने अभी के समय में कोरोना से बचाव का सबसे प्रभावी माध्यम वैक्सीन को बताया है। डाॅ. प्रिंस जैन ने कहा है कि कोरोना की वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है और कोरोना की भयावहता को रोकने में सक्षम है। डाॅ. जैन ने 45 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों और डायबिटिज, ब्लडप्रेशर जैसी अन्य बीमारियों से ग्रसित सभी लोगों से कोरोना टीकाकरण कराने की भी अपील की है। डाॅ. जैन ने लोगों को वैक्सीन के बारे में जनमानस में फैल रही भ्रामक बातों एवं सूचनाओं के बारे में भी सही तथ्यों की जानकारी प्रश्नोत्तर के रूप में दी है।
किस उम्र के लोगों को लगेगा कोरोना का टीका ?
डाॅ. जैन – 45 वर्ष या उससे अधिक उम्र के सभी लोगों को कोरोना टीका लगेगा। डायबिटिज, ब्लडप्रेशर, लिवर-किडनी से संबंधित बीमारियों से ग्रसित लोगों को कोरोना का टीका जरूर लगवाना चाहिए।
कोरोना के कितने टीके उपलब्ध है, क्या अपनी पसंद का टीका लगवा सकते हैं ?
डाॅ. जैन – भारत में केन्द्र सरकार ने दो टीकों को मान्यता दी है। कोवीशील्ड और कोवैक्सीन। दोनों में से कोई एक टीका लगाया जा रहा है। टीके के दो डोज लगेंगे। परंतु लोगों को अपनी पसंद का टीका चुनने की स्वंतत्रता नहीं है। टीके की उपलब्धता के आधार पर ही लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा रहा है। हां, पहला डोज जिस टीके का लगेगा, निर्धारित समय बाद दूसरा डोज भी उसी टीके का लगाया जाएगा।
क्या टीके सुरक्षित हैं, टीके के क्या साइड इफेक्ट हो सकते हैं ?
डाॅ. जैन- कोरोना के दोनो टीके पूरी तरह से सुरक्षित हैं। टीकों को मंजूरी देने के पहले सरकार और वैज्ञानिकों द्वारा सभी मानक मापदंडो पर टेस्टिंग की गई है। इन मापदंडो पर खरा उतरने पर ही टीकों को मंजूरी दी गई है।
जैसा कि बीसीजी या दूसरे टीकों के बारे मेँ है कि टीकाकरण के बाद हल्का बुखार या इंजेक्शन लगने की जगह पर दर्द, शरीर में भारी पन आदि साइड इफेक्ट कोरोना के टीके से भी 12 से 24 घंटे के बीच हो सकते हैं। घबराने की आवश्यकता नहीं है, टीकाकरण केन्द्र पर इसके लिए भी लोगों की पूरी काउंसिलिंग की जाती है और इन छोटे-मोटे क्षणिक साइड इफेक्ट से निपटने के लिए टीकाकरण केन्द्रों पर निगरानी की व्यवस्था के साथ दवाई आदि के बारे में भी लोगों को बताया जाता है।
टीके कहां लगवाए जा सकते हैं ?
डाॅ. जैन – कोरबा जिले में सभी सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, हेल्थ वेलनेस सेंटरों, एसईसीएल, सीएसईबी और एनटीपीसी के अस्पतालों के साथ-साथ कुछ निजी अस्पतालों में कोरोना टीकाकरण केन्द्र बनाए गए हैं। जहां लोग कोरोना का टीका लगवा सकते हैं। सरकारी टीकाकरण केन्द्रों में कोरोना का वैक्सीन निःशुल्क लगेगी। जबकि निजी केन्द्रों पर 250 रूपए सुविधा शुल्क देकर कोरोना का टीका लगवाया जा सकता है। कोरबा में बालाजी ट्राॅमा सेंटर, जीवन आशा अस्पताल, न्यू कोरबा अस्पताल, अन्नपूर्णा नर्सिंग होम, गीता देवी मेमोरियल अस्पताल, बालको अस्पताल, कृष्णा हाॅस्पिटल, आयुष्मान नर्सिंग होम अस्पताल में भी टीकाकरण हो रहा है।
टीकाकरण के लिए पंजीयन कैसे होगा ?
डाॅ. जैन – टीकाकरण के लिए पंजीयन ऑनलाइन हो रहा है। व्यक्ति स्वयं पंजीयन कर सकता है या फिर टीकाकरण केन्द्र पर पहुंचने पर उनका पंजीयन किया जा रहा है। पहले डोज के लिए व्यक्ति का पंजीयन किया जाएगा। दूसरे डोज के लिए अपने आप तिथि निर्धारित हो जाएगी। दूसरे डोज के लिए पंजीयन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। ऑनलाइन पंजीयन selfregistration.cowin.gov.in पर या मोबाइल से आरोग्य सेतु एप्प पर भी किया जा सकता है। टीकाकरण के लिए पंजीयन कराने मितानिन, एएनएम, पंचायत और नगरीय निकायों के प्रतिनिधि एवं महिला स्व सहायता समूहों की सदस्य भी सहायता कर सकते हैं। पंजीयन के समय एक मोबाइल नंबर से चार व्यक्तियों का पंजीयन कराया जा सकता है। परंतु टीका लगाने के समय सभी लोगों को अपना अलग-अलग पहचान पत्र प्रस्तुत करना होगा।
टीकाकरण के लिए कौन से पहचान पत्र मान्य होंगे ?
डाॅ. जैन – कोरोना का टीका लगवाने के लिए व्यक्ति को आधार कार्ड या वोटर आईडी कार्ड या पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस या पैन कार्ड या फोटो युक्त पेंशन दस्तावेज में से कोई एक दस्तावेज लेकर टीकाकरण केन्द्र जाना होगा। जिस मोबाइल नंबर से पंजीयन कराया गया है, उस मोबाइल को भी टीकाकरण के समय साथ लेकर जाना होगा। उसी मोबाइल पर वैरीफिकेशन के लिए ओटीपी मिलेगा और उसके बाद ही टीकाकरण किया जाएगा।
दूसरा डोज कैसे और कितने दिन बाद ?
डाॅ. जैन – कोविड टीकाकरण केन्द्र पर पहला डोज लगने के छह सप्ताह बाद आठवें सप्ताह के पहले दूसरा डोज लेना होगा। दूसरे डोज में वही टीका लगेगा जो पहले डोज में लगा था। दूसरे डोज के लिए आपके रजिस्टर मोबाइल नंबर पर एसएमएस भी प्राप्त होगा।
किन्हें टीका नहीं लगाना जाना चाहिए ?
डाॅ. जैन – गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं और ऐसी महिलाओं जो अपनी गर्भावस्था के बारे में निश्चिंत ना हो उन्हें टीका नहीं लगवाना चाहिए। कोरोना संक्रमण के सक्रिय लक्षण वाले पाॅजिटिव मरीजों और कोरोना के ईलाज के लिए जिन्हें प्लाज्मा थैरेपी दी गई हो ऐसे लोगों को भी टीकाकरण नहीं कराना चाहिए। बीमार और अस्पताल में भर्ती लोगों को कोरोना टीकाकरण पूरी तरह ठीक होने के चार से आठ सप्ताह बाद ही कराना चाहिए।
टीकाकरण के बाद भी क्या सावधानियां रखें जिससे कोरोना संक्रमण ना फैले ?
डाॅ. जैन – टीकाकरण कराने के बाद भी व्यक्ति को घर से बाहर निकलने पर मुंह और नाक को मास्क से पूरी तरह ढंकने, हाथों को बार-बार सेनेटाइज करने या साबुन पानी से धोने और दो लोगों के बीच छह फिट की शारीरिक दूरी बनाए रखने की सावधानी बरतना चाहिए। लोगों को बेवजह अपने घरों से नहीं निकलना चाहिए। भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए और कोरोना से बचाव तथा टीकाकरण के बारे में लोगोे को अधिक से अधिक जागरूक बनाना चाहिए।
अभी कोरोना से बचाव का सबसे इफेक्टिव माध्यम वैक्सीन, 45 साल से अधिक उम्र के सभी लोग लगवाएं टीका: डाॅ. प्रिंस जैन
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