कोरबा@M4S: एसईसीएल कुसमुंडा परियोजना के लिए अधिग्रहित भूमि के एवज में 2 पुत्रों की नौकरी की मांग को लेकर पिता कार्यालयों के चक्कर काटने मजबूर है। जमीन अधिग्रहण के समय दोनों पुत्र नाबालिक थे। पिता को नौकरी तो प्रदान की गई लेकिन अब पात्र होने के बाद दोनों पुत्रों को नौकरी नहीं दी जा रही है। जिसे लेकर भूस्वामी पिता ने इसकी फरियाद कलेक्टर से लगाई है।
पुरानी बस्ती रानी रोड निवासी जानकी प्रसाद सोनी ने मामले की शिकायत कलेक्टर जन चौपाल में की है। जिसमें उनका कहना है कि उनकी जरहा जेल स्थित 35 एकड़ जमीन कुसमुंडा खदान के लिए अधिग्रहित की गई थी। जिसमें से 5.45 एकड़ भूमि के बदले उसे नौकरी प्रदान की गई। कटघोरा न्यायालय के तत्कालीन आदेश अनुसार खाते में उसके अलावा दो और व्यक्तियों को नौकरी दिए जाने का प्रावधान था। उस समय नौकरी के मापदंड अनुसार परिवार में योग्य सदस्य नहीं होने की वजह से आवेदन नहीं दिया गया था। अब उसके पुत्र युवराज सोनी और नीरज सोनी नौकरी के पात्रता योग्य हो गए हैं। जानकी प्रसाद का कहना है कि नियमत: अब उस के दोनों पुत्रों को अधिग्रहित भूमि के एवज में नौकरी प्रदान की जानी चाहिए । प्रबंधन के द्वारा आश्वासन तो दिया जा रहा है लेकिन अब तक उसके पुत्रों को नौकरी नहीं दी गई है । उसे 15 दिन बाद बुलाया गया था और उस दौरान कहा गया था कि उच्च अधिकारियों का दौरा चल रहा है । उसके बाद बैठक कर दोनों बच्चों को नौकरी दी जाएगी ।वर्तमान समय के हिसाब से मुआवजा भी दिया जाएगा ,साथ ही रहने के लिए जमीन भी दी जाएगी। पीडि़त का कहना है कि इस तरह आश्वासन देकर घुमाया जा रहा है ।अब मामले में जानकी प्रसाद ने कलेक्टर से गुहार लगाते हुए दोनों पुत्रों को नौकरी और वर्तमान समय के हिसाब से मुआवजा व पुनर्वास की मांग की है।
अधिग्रहण के समय पात्र नहीं थे पुत्र, अब नहीं मिल रही नौकरी
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