बिलासपुर – छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम अजीत प्रमोद जोगी की जाति के मामले में बड़ा फैसला सामने आया है कोर्ट ने अजीत जोगी को बड़ी राहत देते को जाति मामले में एक और हाईपाॅवर कमेटी बनाने के आदेश दिए हैं. ये कमेटी अजीत जोगी की जाति मामले में फिर से जांच करेगी. इससे पहले आज सुबह करीब पौने ग्यारह बजे जज अजीत जोगी के मामले में फैसला सुनाने कोर्ट पहुंचे और उन्होंने अजीत जोगी की जाति मामले में दायर याचिका को स्वीकार कर लिया. मामले में पूर्व सीएम अजीत जोगी ने कहा कि सत्य की जीत हुई है.
आपको बता दें कि अजीत जोगी ने जोगी को आदिवासी ना माने जाने को लेकर राज्य सरकार की हाईपाॅवर कमेटी की रिपोर्ट को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. कमेटी ने अजीत जोगी को आदिवासी नहीं माना था. कमेटी ने अजीत जोगी को ईसाई माना था. जिसको चुनौती देते हुए जोगी फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट गए हैं. कोर्ट ने तकनीकी आधार पर अजीत जोगी की याचिका को सही माना. इसी मामले में आज सुनवाई हुई. जोगी की जाति को चुनौती देने वाले संतकुमार नेताम और अनुसूचित जनजाति आयोग और उसके अध्यक्ष नंदकुमार साय हैं. अजीत जोगी के जाति मामले में छत्तीसगढ़ के सीएम डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि हाई कोर्ट के निर्देशों का पालन होगा.
मामले में हाई कोर्ट के निर्णय के बाद कांग्रेस की वरिष्ठ नेता व अधिवक्ता किरणमयी नायक ने भी प्रतिक्रिया देते कहा कि माननीय उच्च न्यायालय ने यह भी व्यवस्था दी है कि जो भी संबंधित पक्षकार हैं अथवा जो शिकायतकर्ता इस मामले में रहे हैं, वो सभी समिति के समक्ष उपस्थित होकर सारी बातों को जांच पड़ताल में प्रस्तुत कर सकते हैं. अर्थात कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि अजीत जोगी के पक्ष में फैसला दिया गया है और सरकार ने गलत ढंग से इस मामले में निर्णय लिया था या कहीं ना कहीं सरकार इस मामले में गंभीर नहीं थी. इसलिए महाधिवक्ता के नेतृत्व में जिस तरह से इस पूरे मामले में निर्णय सरकार ने लिया था वह अपने आप में कुछ चीजों को इशारा करता है. यह ध्यान में रखने की बातें हैं.