कोरबा@M4S:जगदेव जी के जाने पर वनवासी समाज को अपूरणीय क्षति–
सत्येंद्र दुबे, मान.विभाग संघ चालक, कोरबा विभाग
मुझे उनके साथ प्रत्यक्ष कार्य करने का मौका लगा और उनके अनुभव का लाभ हमेशा मिला।वे एक समर्पित कार्यकर्ता थे।वनवासी समाज के लिए किए गए कार्य स्वर्णिम अक्षरों में लिखा रहेगा।कर्मनिष्ठ, सरल, सहज,मृदुभाषी और किसी भी कार्यकर्ता के साथ तुरंत हिल मिल जाना उनके स्वभाव में था।उनके जाने पर समाज को अपूरणीय क्षति हुई है।
जुड़ावन सिंह विद्या भारती के प्रादेशिक सचिव
आज हमारे एक कर्मयोगी जगदेव राम जी का महाप्रयाण हुआ है जो बहुत ही सरल,मिलनसार और मृदुभाषी थे।श्री उरांव जी वर्तमान में अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष का दायित्व निर्वहन कर रहे थे।
जशपुर के पास ग्राम कोडमो में उनका जन्म हुआ था,प्राथमिक शिक्षा के बाद १९६२में वे आगे की शिक्षा के लिए जशपुर आ गए और वहीं १२वर्ष के उम्र में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और कल्याण आश्रम संपर्क में आये ।तब से समाज के सेवा में अनवरत कार्य करते रहे।हायर सेकण्डरी परीक्षा पास करने के पश्चात १९६९-७० में तात्याटोपे राज्य शारिरिक शिक्षा महाविद्यालय से सी.पी.एड.शारिरिक शिक्षण प्राप्त किया, इसी बीच १९६८मे संघ का तृतीय वर्ष का प्रशिक्षण हुआ।
१९७१ में कल्याण आश्रम में शारिरिक शिक्षक नियुक्त हुये।
१९६९में उन्हें अखिल भारतीय कार्यकारिणी में सदस्य बनाया गया था तब से कल्याण आश्रम के कार्य मे रत रहे। कल्याण आश्रम के संस्थापक पूज्य बाला साहब देशपांडे जी के निज सचिव नियुक्त हुए और बाला साहेब जी के अस्वस्थ होने पर उन्हें अध्यक्ष की आवश्यकता होंने पर जगदेव जी को कार्यकारी अध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया। श्री बाला साहेब के निधन के पश्चात उन्हें कल्याण आश्रम का राष्ट्रीय अध्यक्ष का दायित्व प्राप्त हुआ जिसे आज पर्यन्त निर्वहन किया।
वे कार्यकर्ता के पालक,अभिभावकों की तरह थे।सबकी पूछ परख रखते थे।उनके मार्गदर्शन में कार्य काफी बढ़ा।आश्रम के कार्य उन्होंने अनेकों कष्ट को सहते हुए आगे बढ़ाया।उनके जाने पर हमें मर्मान्तक पीड़ा हुई है।ईश्वर से प्रार्थना है कि उन्हें अपने चरणों मे स्थान दें।
विद्या भारती के प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्रकिशोर श्रीवास्तव ने कहा
जगदेव जी उरांव समाज के सरल,और ध्येय निष्ठ कार्यकर्ता थे।उनका अकस्मात जाना वनवासी समाज की बहुत बड़ी क्षति है।उन्होंने वनवासी क्षेत्रों में होने वाले धर्मांतरण के विरुद्ध अनेको कार्य किये हैं।संघ के कार्यकर्ता के नाते संगठन को बहुत नुकसान हुआ है।जिसकी भरपाई करना मुश्किल है।हमारी सच्ची श्रद्धाजंलि होगी जब हम उनके कार्य को और भी गति दें और भी आगे बढ़ायें।
सुब्रमण्यम के.(अध्यक्ष वनवासी विकास समिति कोरबा)
वनवासियों को संगठित कर समाज मे उनके विकास के लिए अपना जीवन लगाया।उनके जैसे त्यागी,सज्जन,मृदुभाषी जैसे कार्यकर्ता मिलना मुश्किल है।
हमारा उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि ।
किशोर बुटोलिया, जिला संघ चालक कोरबा
किसानों और वनवासी का संगठन कार्य किया वे हैं जगदेव राम जी उरांव,वनवासी समाज असंगठित हैं, किसान हैं उनका एक महासंघ देश मे बने यह उनका चिंतन था और अपने इस चिंतन को मूर्त रूप में देने हेतु उनका पूरा जीवन व्यतीत हुआ।संघ के कार्यकर्ता जो प्रचारक के रूप में अपना जीवन प्रारंभ करते हैं और प्रचारक के रूप में ही पूर्ण सक्रियता के साथ कार्य करते हुए मृत्यु को प्राप्त किया यह जगदेव जी ने किया।प्रचारक जीवन मे कई प्रकार की विकृति आती हैं उनसे दूर रह कर अपना पूरा जीवन समाज के विकास,उत्थान के लिए समर्पित किया।आज उनके प्रारम्भ किये कार्य को परिणाम में पहुँचाने का काम हम सभी का है यही उनके लिए श्रद्धांजलि होगी और उनका आशीर्वाद हमे प्राप्त होगा।
कार्यक्रम में वनवासी विकास समिति के प्रान्त सह सचिव महेश गुप्ता ,रामकिशोर श्रीवास्तव, अरुण मिश्रा, सुरेश गुप्ता,राज नारायण गुप्ता, गोपाल केडिया एवं स्वयंसेवक उपस्थित थे।