भोपाल @M4S(एजेंसी) हनी ट्रैप का खुलासा होने के बाद मध्य प्रदेश के साथ ही देश के अन्य राज्यों में हड़कंप मचा हुआ है. इस मामले में एसआईटी की टीम ने जिस सिरे को पकड़ा था. वो ऊन के गोले की तरह खुलता ही जा रहा है. खत्म होने के नाम ही नहीं ले रहा है. नया खुलासा ये हुआ है कि हनीट्रैप के इस सिंडीकेट में करीब 40 कॉल गर्ल्स थीं. जिनमें बॉलीवुड की कुछ हीरोइनों के नाम भी सामने आ रहे हैं. जो ना सिर्फ नेताओं और अफसरों के करीब गईं बल्कि बेहद शातिराना तरीके से उनकी वीडियो भी बना ली. इनकी दूसरी टीम ने उन्हीं पिक्चरों को अपने शिकार से पैसे ऐंठने और उनसे सरकारी काम निकलवाने का ज़रिया बना लिया.
सियासत में सुरा और सुंदरी का हमेशा बोलबाला रहा है. सुरा हो या सुंदरी. देखते ही अक्सर नेताओं और रसूखदारों का मन मचल जाता है. बस इसी का इंतज़ार करती थीं वो शिकारी सुंदरियां. एमपी में जिनका रैकेट पहले बड़े लोगों तक पहुंचता था. फिर उन्हें शराब के नशे में मदहोश कर उनसे कुरबत बढ़ाता था. फिर उसी अंदाज़ में उन्हें ब्लैकमेल करने के लिए फिल्में बनाई जाती थीं. एमपी के इस सबसे बड़े सेक्स स्कैंडल का जो सिरा एटीएस और पुलिस ने थामा है, वो हर गुज़रते दिन के साथ खुलता तो जा रहा है. मगर उसकी थाह कहां तक है इसका अंदाज़ा किसी को नहीं लग रहा है.
इस हनी ट्रैप कांड में अगला सनसनीखेज़ खुलासा ये है कि इस ब्लैकमेलिंग सिंडिकेट में 40 से भी ज़्यादा कॉल गर्ल्स थीं. और इसके तार सिर्फ एमपी में ही नहीं फैले हुए हैं. बल्कि इसमें बॉलीवुड की बी-ग्रेड हिरोइनें भी शामिल रही हैं. और खबर मिल रही है कि इन हीरोइनों ने सियासत के बड़े बड़े दिग्गजों की नब्ज़ को दबोच रखा है. इसमें सिर्फ सियासतदान ही नहीं है बल्कि आला ब्यूरोक्रेट भी शामिल हैं.
पुलिस इन दावों की पुष्टि तो नहीं कर रही है, मगर कैमरा बंद होते ही इस तरह की बातें आ रही हैं. मुमकिन है कि जल्द ही इस मामले में कुछ हीरोइनों के नाम भी सामने आ जाएं. और ये साफ हो जाए कि पर्दे के पीछे से आखिर ये सिंडीकेट चला कौन रहा है.
एमपी की सियासत में भूचाल लाने वाले इस हनीट्रैप कांड में शामिल हसीनाओं की मोडस ऑपरेंडी को समझना ज़रूरी है. क्योंकि इसी में इस सिंडिकेट का राज़ भी छुपा है और बाकियों के लिए सबक भी. जो हसीनाएं सियासत और नौकरशाही के आला लोगों के कमरे तक पहुंच जाएं वो सिर्फ खूबसूरत ही नहीं हो सकतीं बल्कि उनका स्मार्ट होना भी ज़रूरी था. ये अपने शिकार को जाल में फंसाने में पूरी एहतियात बरतती थीं. इनके पास होटलों में रुकने के लिए फर्जी आईडीज़ थी. ये खुलासा तो खुद पुलिस भी कर चुकी है.
पूछताछ में पता चला कि गिरफ्तार हुई हसीनाएं और उनकी कई साथी इंदौर के होटलों में ऐसे ही फर्ज़ी तरीके से रुकती थीं. जब पड़ताल की गई तो वहां कमरे बुक कराने की पुष्टि तो हुई. मगर पुलिस के हाथ कई फर्जी पहचान पत्र के अलावा कुछ नहीं लगा. इन तमाम शिकारी हसीनाओं के पास एक दो नहीं बल्कि तीन से भी ज़्यादा फर्ज़ी आईकार्ड थे. ताकि उनकी पहचान कभी उजागर न हो सके.
इंदौर के जिस इंजीनियर हरभजन सिंह की ब्लैकमेलिंग की एफआईआर के बाद से ये मामला खुलना शुरू हुआ. उसे फंसाने के लिए भी होटल में कमरा लिया गया था. उस कमरे में हरभजन सिंह के आने से पहले एक हसीना ने बिना सिम के आई-फोन को टेबल पर रख दिया था. ताकि ऐसा लगे जैसे उसे चार्जिंग पर लगाया गया है. और चुपके से उसका वीडियो मोड ऑन कर दिया गया था. फिर वो सबकुछ रिकॉर्ड हुआ जो वो करना चाहती थीं.
पुलिस को अब तक ऐसे कई वीडियो मिल चुके हैं. एक तरफ पुलिस जांच हनी ट्रैप मामले की जांच कर रही है. तो वहीं दूसरी तरफ आयकर विभाग भी इस मामले में करोड़ों रुपये के लेन-देन की बात सामने आने के बाद आंखें गड़ाए हुए है. लिहाज़ा पकड़ी गई महिलाओं के पुराने रिकार्ड और लेन-देन की छानबीन भी की जा रही है.
पुलिस को इन ब्लैकमेलर हसीनाओं के पास से एक दो नहीं बल्कि पूरे 90 ऐसे वीडियो मिले हैं. जिनमें सियासत दानों से लेकर ब्यूरोक्रेट तक की गंदी बातें रिकार्ड हैं. इसके अलावा इन शिकारी महिलाओं के पास से 8 सिम कार्ड्स भी मिले हैं. जिनका रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है. पुलिस को जांच में ये भी पता चला है कि हनीट्रैप कांड में पकड़ी गई एक हसीना तो बीजेपी के शासनकाल में किशोर न्यायालय बोर्ड की सदस्य और बाल कल्याण समिति की सदस्य भी रह चुकी है.
अभी तो ये शुरूआत है. पुलिस को पूरा यकीन है कि इस सिंडीकेट में सिर्फ इतनी ही हसीनाएं नहीं हैं. बल्कि हसीनाओं का पूरा नेक्सेस हो सकता है. मुमकिन है कि ये एमपी की रहने वाली भी ना हों. बस वक्त वक्त पर उन्हें भोपाल, इंदौर और एमपी के दूसरे बड़े शहरों में लाया जाता रहा हो. और वो अपना काम करने के निकल जाती हों. कुछ और हसीनाओं के तो फोन नंबर भी पुलिस को मिल गए हैं. वहीं पकड़ी गई महिलाओं से बरामद मोबाइल, लैपटॉप और उनके सोशल अकाउंट से भी कई बड़े राज खुल रहे हैं