कोरबा@M4Sशासकीय मेडिकल कालेज कोरबा को मिला पहला देह दान करने वाले पहला व्यक्ति बने ओम प्रकाश खुसरो,वसीयत नामा में लिखकर किया देह दान,बचपन से ही समाज सेवा से जुड़े है ओम प्रकाश खुसरो,आदिवासियों पिछड़ों के लिए किए है अनेक कार्य,मेडिकल कालेज के स्टूडेंट बाड़ी का कर सकेंगे उपयोग,ओम प्रकाश का कहना है कि जीते जी तो समाज सेवा कर रहे मृत्यु के बाद मेडिकल के स्टूडेंट को पढ़ाई में मिलेगा लाभ।
भारतीय चिकित्सा परिषद के द्वारा कोरबा के शासकीय मेडिकल कॉलेज को हाल में ही मान्यता प्रदान की गई है, इसी के साथ अगले कुछ दिनों में यहां एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू होने जा रही हैं। इसे लेकर स्वास्थ्य प्रतिक्रियाएं आसपास से प्राप्त हो रही है, इन सबके बीच मेडिकल कॉलेज के लिए कोरबा से देहदान की प्रथम घोषणा हुई है, मेडिकल कॉलेज के डीन के समक्ष इस बारे में आवेदन दिया गया है,जागरूकता से जोड़कर देखा जा रहा है, चिकित्सा की पढ़ाई में मृत शरीर की काफी उपयोगिता होती है और चिकित्सा के छात्र इसके माध्यम से बहुत कुछ सीखते समझते हैं। शरीर रचना विज्ञान के लिए होने वाले प्रयोग में इस प्रकार की चीजें बहुत ज्यादा मायने रखती हैं। इसलिए चिकित्सा जगत इंतजार करता है कि मेडिकल कॉलेज के लिए कितने पार्थिव शरीर प्राप्त होते हैं कोरबा में आगामी दिनों में शुरू हो रहे मेडिकल कॉलेज के लिए महाराणा प्रताप नगर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता ओम प्रकाश खुसरो ने मृत्यु के बाद देहदान की घोषणा की है। वे मानते हैं कि देह दान करने से 60 से अधिक जिंदगियों की सहायता की जा सकती है।ओम प्रकाश को चिकित्सा क्षेत्र की चुनौतियों के बारे में बेहतर जानकारी है । उन्होंने बताया कि पहले इस बारे में खुद निर्णय लिया और फिर परिवार को जानकारी दी परिजनों ने इस निर्णय पर सहमति जताई है, वे चाहते हैं कि समाज में देहदान को लेकर जो भ्रांतियां बनी हुई हैं उसे ढूंढने की जरूरत है समय के साथ समाज को जागरूक होना होगा।
मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ अविनाश मेश्राम ने बताया कि देहदान करने के लिए फॉर्मेट भरना होता है। इसकी एक कॉपी विभाग दूसरी काफी आवेदक और एक काफी उसके रिश्तेदार के पास होती है। प्राथमिक तौर पर यही प्रक्रिया होती है बाकी काम समय आने पर किये जाते हैं।
समाज और विज्ञानं के लिए ओमप्रकाश खुसरो की ये पहल सराहनीय है,