शार्टेज की भरपाई के नाम पर लिए जा रहे अतिरिक्त धान खाद्य निरीक्षकों ने लबेद में पकड़ी अनियमिता

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कोरबा@M4S: आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में धान खरीदी अभियान के दौरान मॉनिटरिंग में ढिलाई की वजह से किसान छले जा रहे। उपार्जन केंद्रों में नियुक्त नोडल अधिकारियों के समय बे समय गायब रहने की वजह से किसानों से निर्धारित मात्रा से अधिक धान लिए जा रहे। मंगलवार को पड़ताल में उपार्जन केंद्र लबेद तिलकेजा में किसानों अधिक धान लेते पाए गए। लबेद में खाद्य निरीक्षक उर्मिला गुप्ता ,यामिनी पटेल ने मौके पर ही पंचनामा तैयार करवाकर सक्षम अधिकारी को आवश्यक कार्रवाई के लिए भेज दिया है।

 


यहां बताना होगा कि प्रदेश में चुनावी वर्ष के पूर्व खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में 1 नवंबर से 31 जनवरी तक समर्थन मूल्य में धान खरीदी की जा रही है। आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में 11 लाख 48 हजार 19 क्विंटल धान की आवक हो चुकी है। 24 हजार 946 पंजीकृत किसानों ने समर्थन मूल्य पर 234 करोड़ 19 लाख 59 हजार 984 रुपए का धान बेचा है। मंगलवार को 1298 किसानों ने 61हजार 662 क्विंटल धान बेचा । वहीं बुधवार को 12 हजार 668 किसानों ने 59 हजार 991क्विंटल धान बेचने पंजीयन करवाया है। इस तरह देखें तो औसतन 55 हजार क्विंटल से अधिक धान की आवक बनी हुई है। लेकिन जिस पैमाने पर धान की आवक बढ़ी है उसी पैमाने पर अव्यवस्थाएं खामियों से किसानों को जूझना पड़ रहा। समय पर राईस मिलरों द्वारा धान का उठाव नहीं करने की वजह से शार्टेज (बोरे में खरीदे गए नमीयुक्त धान का वजन धूप की वजह से कम हो जाने )की भरपाई किसानों से की जा रही है। उपार्जन केंद्रों में प्रति कट्टी (40 किलो धान लिए जाने वाला बारदाना) में किसानों से शार्टेज के नाम किसानों से 500 से 800 ग्राम तक अतिरिक्त धान लिया जा रहा है। पड़ताल में उपार्जन केंद्र लबेद,तिलकेजा ,भैसमा में यह जानकारी सामने आई । उपार्जन केंद्र लबेद में तो खाद्य निरीक्षक उर्मिला गुप्ता ,सुश्री यामिनी टण्डन भी मौके पर पहुंची थीं। जहाँ उन्होंने स्वयं इस गड़बड़ी पर समिति प्रबंधक रंजीत को कड़ी फटकार लगाई। पंचनामा तैयार कर सक्षम अधिकारी को आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रेषित कर दिया है । धान खरीदी की आरंभिक तैयारी ,निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण हेतु जिला प्रशासन द्वारा उपार्जन केन्द्रवार निगरानी समिति , नोडल अधिकारी की नियुक्ति की है ,ताकि किसी प्रकार की अनियमितताओं से किसानों को न जूझना पड़े। लेकिन  जिले के 41 समितियों के सभी 60 उपार्जन केंद्रों में नियुक्त अधिकारी इस महती दायित्व का संजीदगी से निर्वहन नहीं कर रहे। लबेद ,तिलकेजा ,तुमान में पड़ताल के दौरान नोडल अधिकारी नजर ही नहीं आए। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है अफसर कितने गंभीर हैं।

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