पट्टे की भूमि के साथ अनियमित अतिक्रमण भी हो सकेगा नियमितमाह अंत तक सर्वे करने कलेक्टर कौशल ने राजस्व अधिकारियों को दिये निर्देष
कोरबा@M4S: शहरी के शहरी क्षेत्रों में पट्टाधारी लोगों के पट्टों को भूमि स्वामी अधिकार में बदलने की तैयारियों कोरबा में शुरू हो गई हैं। कलेक्टर किरण कौशल ने सभी शहरी क्षेत्रों में निगम आयुक्त सहित मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को इसके लिये माह अंत तक व्यापक सर्वे करने के निर्देश दिए हैं। राज्य शासन के निर्देषों के अनुसार शहरी क्षेत्रों में पूर्व में जारी किये गये पुराने पट्टों का नियमितीकरण किया जाना है। पट्टे के रकबे से ज्यादा जमीन पर काबिज होने पर नियमितीकरण आवास एवं व्यवसायिक प्रयोजन के हिसाब से नियमानुसार किया जाना है। नगरीय निकाय क्षेत्रों के लिए अलग-अलग सिलिंग की गई है। इसी के आधार पर नियमित करने की कार्रवाई की जाएगी। शहरी क्षेत्रों के पट्टाधारियों की निर्धारित सीमा तक अतिरिक्त कब्जे की जमीन के नियमितिकरण, अवैध या अनियमित पट्टा हस्तांतरण के नियमितीकरण और भू-उपयोग में परिवर्तन के नियमितिकरण किया जाएगा। कलेक्टर ने निर्देषित किया है कि नियमितीकरण की कार्रवाई इस तरह की जाए कि किसी प्रकार की विŸाीय हानि न हो। विकास प्रभार के निर्धारण में पूर्ण सावधानी बरती जाए। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने छŸाीसगढ़ नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों का प्रदान किया जाना) अधिनियम-1984 में संशोधन कर पट्टाधृति अधिकार के पट्टों को भूमि स्वामी अधिकार में परिवर्तित करने का फैसला किया है। साथ ही पट्टाधारियों के कब्जे वाली अतिरिक्त जमीन के निर्धारित सीमा तक नियमितीकरण, अवैध या अनियमित पट्टा हस्तांतरण के नियमितीकरण और भू-उपयोग में परिवर्तन का नियमितीकरण करते हुए भूमि स्वामी अधिकार प्रदान करने की कार्रवाई की जाएगी। पट्टाधारी के निर्धारित सीमा तक अतिरिक्त कब्जे की भूमि के नियमितिकरण, अवैध या अनियमित पट्टा हस्तांतरण के नियमितीकरण और भूमि के प्रयोजन में परिवर्तन के नियमितीकरण का आवेदन या इस संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर प्राधिकृत अधिकारी द्वारा शीघ्र कार्यवाही शुरू की जाएगी। प्राधिकृत अधिकारी स्वप्रेरणा से भी ऐसे मामलों पर कार्यवाही कर सकते हैं। नियमितीकरण की कार्यवाही के लिए जिले में आवश्यकतानुसार निरीक्षण दलों का गठन किया गया है। इन दलों में राजस्व अधिकारी के साथ स्थानीय नगरीय निकायों के अधिकारी तथा ग्राम एवं नगर निवेश विभाग के अधिकारी शामिल हैं। नियमितीकरण के लिए प्राधिकृत अधिकारी द्वारा संयुक्त दल के साथ स्थल निरीक्षण कर प्रतिवेदन लिया जाएगा। पट्टाधारी के अतिरिक्त कब्जा की भूमि नियमितीकरण योग्य होने पर अर्थात कब्जे के अधीन अधिक भूमि व्यवस्थापित मूल भूमि से 50 प्रतिशत की निर्धारित सीमा तक नियमितिकरण किया जाएगा। इसके तहत नगर पंचायतों में एक हजार पाॅंच सौ वर्गफुट, नगर पालिकाओं में एक हजार दो सौ वर्गफुट और नगर निगमों में एक हजार पचास वर्गफुट भूमि का नियमितिकरण किया जाएगा। पट्टाधारी द्वारा निर्धारित विकास प्रभार जमा कराए जाने पर कब्जे की अतिरिक्त भूमि को मूल पट्टाधारी के पक्ष में पट्टा प्रदान कर नियमितिकरण या भू-स्वामी अधिकार प्रदान किया जाएगा। अवैध या अनियमित हस्तांतरण और भूमि प्रयोजन में परिवर्तन के मामलों में संयुक्त दल के प्रतिवेदन, कब्जाधारी के भूमिहीन होने, अधिनियम के अंतर्गत पात्र हितग्राही होने, भूमि प्रयोजन में परिवर्तन स्वीकार्य होने और वहां प्रभावी मास्टर प्लान के उल्लंघन नहीं होने की स्थिति मे निर्धारित विकास प्रभार जमा कराने के बाद पट्टा जारी कर नियमितिकरण या भूमि स्वामी अधिकार में परिवर्तित किया जाएगा। परिवर्तित भूमि प्रयोजन आवासीय होने पर कलेक्टर गाइडलाइन दर का 125 प्रतिशत और गैर-आवासीय होने पर 200 प्रतिशत के हिसाब से विकास प्रभार लेने के बाद ही संबंधितों को भूमि स्वामी अधिकार प्रदान किए जाएंगे।
शहरी आवासीय पट्टे नियमित होकर बनेंगे भू-स्वामी अधिकार-पत्र
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