विधान सभा अध्य्क्ष डॉ महंत ने छतीसगढ़ी व्यंजनों का स्वाद लेकर की प्रशंसा पाली महोत्सव में महुआ कलेवा व्यंजन प्रतियोगिता हुआ सम्पन्न* वनोपज आधारित और छत्तीसगढी में नवाचार से तैयार व्यंजनों को मिला पुरस्कार

- Advertisement -

कोरबा@M4S:स्थानीय वनोपज जैसे चार, चिरौंजी, बेर, जामुन, ईमली एवं आँवला से बने व्यंजनों का स्वाद आमजनों तक पहुँचाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा महुआ कलेवा व्यंजन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। पाली महोत्सव में आयोजित इस विशेष प्रतियोगिता में वनोपज आधारित छत्तीसगढ़ी व्यजंनों का स्वाद लेने भारी संख्या में लोग आए। प्रतियोगिता में स्थानीय महिलाओं सहित जिले के विभिन महिला स्व सहायता समूह के सदस्य महिलाओं ने अनेक प्रकार के वनोउत्पाद से बनाये व्यंजन अपने घर से बनाकर लाये।। विधान सभा अध्यक्ष डॉ चरण दास महंत जनप्रतिनिधियों सहित महुआ कलेवा व्यंजन प्रतियोगिता का अवलोकन करने प्रतियोगिता स्थल तक पहुँचे। डॉ महंत ने चार, चिरौंजी, आमला एवं बेर से तैयार किये विभिन्न व्यंजनों को चख कर स्वाद लिया। उन्होंने छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का स्वाद लेकर कहा कि प्रतियोगिता में शामिल व्यंजन बहुत स्वादिष्ट और विशेष है। इस प्रकार के प्रतियोगिता आयोजित होने से स्थानीय तथा वनोत्पाद से तैयार व्यंजनों की पहुँच जन जन तक पहुँचेगी। वनोपज आधारित व्यंजनों में प्रतिभागियों द्वारा महुआ के केक, खीर, लड्डू, काजू चिरौंजी की खीर, आँवला मुरब्बा, बेर की रोटी, आचार एवं रसगुल्ला बनाकर लाये गए थे। प्रतियोगिता में प्रतिभागी छत्तीसगढ़ी में नवाचार पर आधारित देहरौरी रोटी, अइरसा, ठेठरी, खुरमी, मलाई फरा एवं बोबरा जैसे स्वादिष्ट व्यंजन बनाकर शामिल हुए। महुआ कलेवा व्यंजन प्रतियोगिता में 72 प्रतिभागी शामिल हुए। सबसे स्वादिष्ट व्यंजन को पुरस्कार भी प्रदान किया गया।

प्रतियोगिता के प्रभारी डिप्टी कलेक्टर श्री आशीष देवांगन ने बताया कि महुआ कलेवा व्यंजन प्रतियोगिता में दो वर्गों में पुरस्कार प्रदान किया गया। वर्ग एक मे वनोपज आधारित व्यंजन प्रतियोगिता तथा वर्ग दो में छत्तीसगढ़ी में नवाचार से तैयार व्यंजन प्रतियोगिता में पुरस्कार दिया गया। वर्ग एक मे पहला पुरस्कार संचय समाज देवी संस्थान कोरबा को मिला। इसी वर्ग में दूसरा पुरस्कार कृष्णा स्वसहायता समूह गुरसियां, पोंडी उपरोड़ा तथा तीसरा पुरस्कार सागर संकुल संगठन शैला, पाली को मिला। इसी प्रकार वर्ग दो में पहला पुरस्कार जननी संकुल संगठन धवईपुर, कटघोरा, दूसरा पुरस्कार ओम गायत्री स्व सहायता समूह, बुंदेली कोरबा तथा तीसरा स्थान हरियाली वनोत्पाद किसान संगठन कोई, करतला को प्राप्त हुआ।

Related Articles

http://media4support.com/wp-content/uploads/2020/07/images-9.jpg
error: Content is protected !!