कोरबा@M4S: चालू वर्ष 2020 में खरीफ और रबी मौसम में खेती के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत लाभ प्राप्त करने किसानों का पंजीयन एक जून से शुरू होगा। पंजीयन की अंतिम तिथि 30 सितंबर निर्धारित की गई है। योजना के तहत किसानों को लगभग 14 प्रकार की अनाज, दलहन-तिलहन फसलों की खेती के लिए डीबीटी के माध्यम से सहायता राशि सीधे उनके बैंक खातों में डालकर लाभान्वित किया जायेगा। इस योजना के तहत चिन्हांकित फसलों का उत्पादन करने वाले पंजीकृत कृषकों को ही लाभान्वित किया जायेगा। इस योजना के अंतर्गत खरीफ मौसम में धान, मक्का, अरहर, मूंग, उड़द, कुल्थी, रामतिल, तिल, कोदो, कुटकी, रागी, मूंगफली एवं सोयाबीन तथा रबी मौसम में गन्ना फसल को सम्मिलित किया गया है। जिसके अन्तर्गत खरीफ वर्ष 2019 में धान एवं मक्का फसल लगाने वाले पंजीकृत किसानों को अधिकतम राशि दस हजार प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि किस्तों में डी.बी.टी. के माध्यम से भुगतान किया जायेगा।
खरीफ वर्ष 2020 से इस योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु कृषकों को 01 जून से 30 सितम्बर के मध्य नवीन पोर्टल में पंजीयन कराना होगा। इस हेतु निर्धारित प्रपत्र में जानकारी भरकर क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी अथवा पटवारी को उपलब्ध करानी होगी ताकि कृषि एवं राजस्व विभाग के द्वारा संयुक्त गिरदावरी कर पंजीकृत रकबे का सत्यापन कर पोर्टल में दर्ज किया जा सके। किसानों द्वारा आवेदन पत्र में प्रतिवेदित रकबे तथा वास्तविक बोये गए रकबे में विसंगति होती है तो इस स्थिति में संयुक्त प्रतिवेदन के आधार पर पाये गए वास्तविक रकबे का ही इन्द्राज पोर्टल में किया जाएगा। इसी आधार पर आदान सहायता राशि का भुगतान भी किया जाएगा। आदान सहायता राशि का निर्धारण प्रतिवर्ष किया जाएगा। राज्य शासन द्वारा दलहन एवं तिलहन फसलों को बढ़ावा देने के लिए योजना में प्रावधान किया गया है कि पिछले साल धान की फसल लगाने वाले ऐसे किसान जो इस वर्ष धान छोड़कर कोई अन्य फसल लगाना चाहते हों, उन्हें प्रोत्साहित करने राज्य शासन द्वारा अतिरिक्त सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान राजस्व एवं कृषि विभाग के मैदानी अधिकारियों से संपर्क कर आवेदन कर सकते है।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना खेती के लिए आदान सहायता लेने किसानों को 01 जून से 30 सितम्बर तक कराना होगा पंजीयन धान, मक्का, अरहर, मूंग, उड़द, कुल्थी, रामतिल, तिल, कोदो, कुटकी, रागी, मूंगफली, सोयाबीन तथा गन्ना की खेती के लिए मिलेगी सहायता
- Advertisement -