कोरबा@M4S: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर जारी पोषण माह के तहत जिले मे आज भी जनजागरूकता की कई गतिविधियां सम्पन्न हुई। कोरोना महामारी के इस दौर मे कोविड प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए आज ग्राम पंचायत ,कोरकोमा ,जेंजरा मे जननी महिला संकुल संगठन और आंगनबाड़ी केन्द्र द्वारा किशोरी बालिकाओं को माहवारी के दौरान स्वच्छता रखने के तरीके और उसके फायदे बताये गये। गर्भवती माताओं का स्वास्थ्य परीक्षण कर उनका टीकाकरण किया गया तथा गर्भ मे पल रहे बच्चे के शारीरिक-मानसिक विकास के लिए पोषण के महत्व को समझाया गया। प्रदेश मे बच्चों, गर्भवती महिलाओ और शिशुवती महिलाओं को कुपोषण से निजात दिलाने के लिए राज्य शासन द्वारा विशेष पोषण माह सात सितंबर से शुरू हुआ हैं। इस दौरान सुपोषण के बारे में जागरूकता लाने के लिए चित्रकारी, स्लोगन तथा रंगोली द्वारा संदेश दिया जा रहा है। गांवो मे सुपोषण चौपाल का भी आयोजन किया जा रहा है।
जिले मे मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत गंभीर कुपोषित बच्चों का अलग से चिन्हांकन करके उन्हें पौष्टिक आहार दिया जा रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर बच्चों के माता-पिता को पौष्टिक भोजन से होने वाले फायदो की जानकारी भी दे रहे हैं। गांव में सुपोषण चौपाल का भी आयोजन किया जा रहा है जिसमें सुपोषण से संबंधित सभी जानकारी अभिभावकों को दिया जा रहा है। सुपोषण चौपाल में विभिन्न पौष्टिक आहारों का महत्व के साथ-साथ उसके सेवन करने के तरीके को भी पोषण आहार प्रदर्शनी लगाकर बताया जा रहा है। आंगनबाड़ी केन्द्रो में चित्रकारी, सुपोषण से संबंधित स्लोगन तथा रचनात्मक चित्रकारी को बच्चों के साथ बड़े भी रूचि लेकर सुपोषण का महत्व समझ रहे हैं। बच्चों तथा महिलाओं को कुपोषण से मुक्ति दिलाने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर पौष्टिक आहार का वितरण किया जा रहा है। जिले के विभिन्न आंगनबाड़ी केन्द्रो मे कार्यकर्ताओ एवं समूहो की महिलाओं द्वारा केन्द्रो और अपने घरोे मे पोषण अभियान संबंधी आकर्षक रंगोली तथा चित्रकारी बनाई जा रही है।
पोषण माह के तहत जनजागरूकता के लिए आज भी जारी रही गतिविधियां कोरबा मे किशोरी बालिकाओ को स्वच्छता और गर्भवती माताओं को टीकाकरण का बताया गया महत्व सुपोषण का संदेश देने लगी चौपाल, स्वास्थ्य परीक्षण भी हुआ
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