पहले चरण के बिहार चुनाव में संभावित कैंडिडेट अनंत सिंह और पूर्व IPS गुप्तेश्वर पांडेय पर होगी सबकी निगाहें

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पटना(एजेंसी):बिहार विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की शुरुआत पहले चरण के मतदान के लिए अधिसूचना जारी किए जाने के बाद से हो चुकी है। बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए चुनाव होने हैं इसमें से पहले चरण में 73 सीटों में से कई सीटें हाई प्रोफाइल हैं। जिस पर पूरे देशवासियों की निगाहें लगी रहेंगी। इनमें से एक पटना का मोकामा जहां से हिस्ट्रीशीटर रहे अनंत सिंह और बक्सर जिला जहां से चर्चित और पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय अपनी किस्मत आजमा सकते हैं।

पहले चरण के तहत 28 अक्टूबर को होने वाले मतदान के लिए पहले दिन केवल तीन निर्दलीय उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया। चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक दो उम्मीदवारों ने औरंगाबाद में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया, जबकि एक ने वजीरगंज में किया। पहले चरण के लिए नामांकन दाखिल करने का सिलसिला 8 अक्टूबर को बंद हो जाएगा। वहीं नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 12 अक्टूबर है। इन 73 सीटों पर सत्ताधारी एनडीए के कई नेता समेत महागठबंधन और अन्य पार्टियों के कई नेता अपनी किस्मत आजमाएंगे।

जिन हाईप्रोफाइल सीटों पर चुनाव लड़ा जाएगा उनमें से एक ग्रामीण पटना में मोकामा है, जहां माफिया डॉन-से नेता बने अनंत सिंह अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं। अनंत सिंह इस सीट से जीत हासिल कर अपने पूर्व संरक्षक मुख्यमंत्री और जद (यू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार को एक संदेश देना चाहते हैं।

दबंग छवि वाले अनंत सिंह ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत एक दशक पहले JDU विधायक के रूप में की थी और अपने कट्टर विरोधी लालू संग महागठबंधन के साझीदार के तौर पर 2015 के विधानसभा चुनावों से पहले उन्होंने दो बार जदयू के लिए यह सीट बरकरार रखी। 12015 विधानसभा चुनाव में उन्होंने बतौर निर्दलीय प्रत्याशी इस सीट पर जदयू के नीरज कुमार को हराकर अपनी सीट पर जीत सुनिश्चित की। नीरज कुमार वर्तमान में राज्य मंत्रिमंडल में एक शक्तिशाली मंत्री हैं।

बीते साल हैंड ग्रेनेड और एके -47 राइफल की बरामदगी मामले में कड़े यूएपीए (UAPA)के तहत गिरफ्तार अनंत सिंह ने वर्ष 2020 में महागठबंधन(राजद-कांग्रेस) के समर्थन से अपनी सीट बरकरार रखने का प्रयास किया है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि पार्टी उन्हें आधिकारिक उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारना चाहती है या नहीं। बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी वीणा देवी को वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में मुंगेर से एनडीए उम्मीदवार और जद यू नेता ललन सिंह ने हराया था। वहीं उनके दिवंगत और हिस्ट्रीशीटर बड़े भाई दिलीप सिंह ने राबड़ी देवी सरकार में मंत्री के रूप में काम भी किया था।

वहीं पहले चरण का चुनाव पूर्व आईपीएस अधिकारी गुप्तेश्वर पांडेय के कारण भी सुर्खियों में रहने की संभावना है। पूर्व डीजीपी(बिहार के पुलिस महानिदेशक) ने बीते सप्ताह स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद JDU की औपचारिक सदस्यता ग्रहण की थी। उनके बक्सर जिले के विधानसभा क्षेत्रों में से एक से चुनाव मैदान में उतरने की उम्मीद है, ये सभी पहले चरण के चुनाव में जाएंगे।

पहले चरण में जिन अन्य प्रमुख हस्तियों के फ़ैसले तय किए जा सकते हैं, उनमें दिग्गज कांग्रेस नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सदानंद सिंह शामिल हैं, जो भागलपुर जिले के कहलगांव से जीत हासिल कर रहे हैं। हालांकि चर्चाओं के अनुसार सदानंद सिंह इस बार अपनी सीट से बेटे को उम्मीदवार बना सकते हैं। वहीं एनडीए के उम्मीदवार के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी अपनी इमामगंज सीट को बनाए रखने की उम्मीद कर रहे हैं। दूसरे और तीसरे चरण की अधिसूचना क्रमशः 9 और 13 अक्टूबर को जारी की जाएगी। उन दो चरणों के चुनाव 3 नवंबर को होंगे और 7. 10 नवंबर को वोटों की गिनती होगी।

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