न्यूज़ डेस्क@M4S: दिल्ली-एनसीआर में पॉल्यूशन की वजह से लोगों को सांस लेना मुश्किल हो रहा है। पंजाब में जलने वाली पराली भी इसके विभिन्न वजहों में से एक है। राज्य के संगरूर जिले में पराली जलाए जाने के काफी मामले सामने आते रहे हैं। अब स्थानीय प्रशासन ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है और जो किसान अपने खेतों में पराली जला रहे हैं, उनके खिलाफ रेवन्यू रिकॉर्ड्स में रेड एंट्री की जा रही है। इसके अलावा, किसानों पर जुर्माना भी लगाया जा रहा है।
पूरे पंजाब के मुकाबले सिर्फ संगरूर में ही 12.66 फीसदी पराली जलाए जाने के मामले सामने आए हैं। किसानों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के राज्य सरकार के ‘लिखित आश्वासन’ के बाद भी प्रशासन कार्रवाई कर रहा है। हालांकि, अब सरकार ने किसानों के खिलाफ बल प्रयोग शुरू कर दिया है।
राजस्व विभाग ने इस अवैध गतिविधि में शामिल 285 किसानों के राजस्व रिकॉर्ड में लाल प्रविष्टियां दर्ज की हैं, जबकि पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) ने इन किसानों पर 7.12 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है। खेतों में आग के 677 मामलों के साथ, संगरूर प्रशासन ने बुधवार को लगातार छठे दिन राज्य में सबसे अधिक घटनाएं दर्ज की थीं। संगरूर जिले में खरीफ (मॉनसून फसल) के मौसम में पराली जलाने के कुल 2721 मामले देखे गए हैं, जबकि संगरूर में कुल पराली जलाए जाने की संख्या 2021 में 8,006 थी, जो राज्य में भी सबसे अधिक है।
पराली के लिए नोडल अधिकारी और सहायक पर्यावरण अभियंता (एईई) मोहित सिंगला ने कहा, “हम उन किसानों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं, जो खेत में आग की घटनाओं में शामिल हैं। किसानों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए हमारे पास कोई आदेश नहीं है।” बीकेयू (एकता-उग्रहन) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी ने कहा, “हम जानते थे कि निश्चित रूप से हमें मांगों को लागू करने के लिए संघर्ष करना होगा। सरकारें हर समय ऐसा करती हैं।”