कोलकत्ता(एजेंसी):टीम इंडिया के उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे ने शुक्रवार को कोलकाता टेस्ट मैच के पहले दिन के बाद बिना नाम लिए कप्तान विराट कोहली और शिखर धवन पर निशाना साधा। रहाणे ने इसके अलावा ईडन गार्डन्स की पिच को लेकर भी कुछ बयान दिए।
रहाणे ने कहा कि ईडन गार्डन्स की पिच पर बल्लेबाजी करना एक चुनौती थी लेकिन साथ ही अफसोस जताया कि वह और चेतेश्वर पुजारा अपनी साझेदारी को आगे नहीं बढ़ा सके। रहाणे ने 77 जबकि पुजारा ने 87 रन की पारी खेली जिससे भारत ने दूसरे टेस्ट के पहले दिन का खेल खत्म होने तक सात विकेट गंवाकर 239 रन बनाए थे।
‘दूसरे सेशन में हम अच्छा खेले’
दोनों बल्लेबाजों ने तब चौथे विकेट के लिए 141 रन की अहम साझेदारी निभाई जब टीम इंडिया 46 रन के अंदर तीन विकेट गंवाकर जूझ रही थी। रहाणे ने कहा, ‘यह कोलकाता की ठेठ पिच नहीं है। विकेट दो तरह का था। दूसरे सेशन में यह काफी उमस भरा था। यह हमारे लिए अच्छा दिन नहीं था। हमें लगा था कि विकेट काफी अच्छा होगा। आमतौर पर यह सपाट और बल्लेबाजी के लिए अच्छा होता है। इस पर तेज गेंदबाजों के लिए अच्छा था।’
‘मैं और पुजारा इस स्थिति के लिए जिम्मेदार’
रहाणे ने बल्लेबाजों पर गुस्सा निकालते हुए कहा, ‘हमारे कुछ खिलाड़ी आसानी से आउट हो गए लेकिन मेरे और पुजारा के बीच साझेदारी अहम थी। मैं और पुजारा दोषी हैं क्योंकि हम दोनों जमे हुए थे। इस भागीदारी को आगे ले जाने की जिम्मेदारी हमारी थी।’ रहाणे ने कहा, ‘एक बल्लेबाज को आउट करने के लिए सिर्फ एक गेंद की जरूरत होती है। लेकिन हम (दोनों) में से कोई एक सेंचुरी बनाता तो हमारी स्थिति अलग होती। मैं किसी अन्य को दोषी नहीं ठहरा रहा हूं। यह हमारी जिम्मेदारी थी।’
‘टर्निंग पिच पर डिफेंसिव होना पड़ता है’
भारत के लिए दिन को निराशाजनक करार करते हुए रहाणे ने कहा, ‘आप सेंचुरी जड़ने के बारे में नहीं सोचते। आप हालात के मुताबिक खेलते हो। शायद हम अपनी एकाग्रता खो बैठे। हमने दो अतिरिक्त विकेट गंवा दिए। पांच विकेट आदर्श होते।’ उन्होंने कहा, ‘टर्निंग पिच पर डिफेंसिव होना हमेशा अहम होता है। अगर आपका डिफेंस मजबूत है तो कोई भी आपको आउट नहीं कर सकता इसलिए हमने लंच के बाद के सेशन में इतनी मजबूती से बल्लेबाजी की। लेकिन तीसरे सेशन में हमें लगा कि यह हमारे लिए इकलौता मौका है जहां हम आजादी से स्कोर कर सकते हैं क्योंकि गेंद पुरानी थी और गेंदबाज थके थे।’ रहाणे ने कहा, ‘हमने अपना रनरेट को बढ़ाने की कोशिश की। हमने उनकी लाइन और लेंथ को परेशान करने की कोशिश की। स्पिनरों को बैकफुट पर खेलना आसान था।’