नशीली दवाओं के सौदागर पिता-पुत्र को 10 साल सज़ा 

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1-1 लाख रुपए का जुर्माना
कोरबा@M4S: नशा के रूप में उपयोग की जाने वाली प्रतिबंधित दवाईयों की बिक्री करने वाले पिता-पुत्र को न्यायालय ने 10-10 वर्ष के कठोर कारावास एवं 1-1 लाख रुपए की अर्थदंड की सजा सुनायी है।
जानकारी के अनुसार पुलिस की एक टीम ने 26 जुलाई 2016 को सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के दुर्पा रोड निवासी सुदीप अग्रवाल के मकान सहित कुसमुंडा में अस्पताल के सामने संचालित मेडिकल स्टोर से बड़े पैमाने पर शासन से प्रतिबंधित दवाईयों का जखीरा बरामद किया था। डॉक्टर की पर्ची की अनिवार्यता होने के बावजूद बिना पर्ची लिए महंगे दाम पर ये दवाईयां बेची जा रही थीं। दवा व्यवसायी पिता-पुत्र के कब्जे से तरह-तरह की दवाईयों का जखीरा कोरबा-कुसमुंडा मार्ग पर उस वक्त बरामद किया गया जब व्यवसायी अपने स्कूटी क्रमांक सीजी 12 एजे 8257 में दवाईयां लेकर जा रहा था।
पुलिस की टीम ने दुरपा रोड स्थित निवास से भी छिपाकर रखे गए कार्टूनों में पैक प्रतिबंधित दवाईयां स्पाक्सोप्रोक्सिसिन टेबेलेट, स्पास्फोरन टेबलेट, आलमोक्स-5 टेबलेट, नाइट्रोशन-10 के 5 दर्जन से अधिक स्ट्रिप, कफ सिरप साइरेक्स, कोरेक्स, बायोरेक्स के 100-100 एमएल की सैंकड़ों शीशी जब्त की थी। पिता-पुत्र के विरूद्ध कुसमुंडा थाना में धारा 22 एनडीपीएस एक्ट के तहत जुर्म दर्ज कर प्रकरण न्यायालय में पेश किया गया। विचाराधीन इस मामले में विशेष न्यायाधीश (एनडीपीएस) प्रवीण कुमार प्रधान ने दोष सिद्ध पाये जाने पर आरोपी पिता-पुत्र को 10-10 वर्ष की कठोर कारावास एवं 1-1 लाख रुपए जुर्माना की सजा सुनायी है। अर्थदंड की राशि भुगतान न करने पर 1-1 वर्ष का अतिरिक्त कारवास भुगतना होगा।

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