@m4s:कोरबा मकर संक्रांति का पर्व दो दिन मनाया जाएगा। 14 और 15 जनवरी को दान-पुण्य के साथ ही सरोवरों में स्नान किया जाएगा। भगवान सूर्यदेव दक्षिणायन से उत्तरायण होंगे और इसके साथ ही मांगलिक कार्यों का सिलसिला भी शुरू हो जाएगा। पिछले कुछ वर्षों से दो दिन संक्रांति मनाई जाती रही है।
ज्योतिषों के अनुसार भगवान सूर्यदेव 14 जनवरी रात 2.14 बजे मकर राशि में प्रवेश करेंगे। दूसरे दिन पुण्यकाल 14 जनवरी से लेकर तीसरे दिन 15 जनवरी की सुबह 11.52 बजे तक रहेगा। इससे दोनों ही दिन दान-पुण्य किया जा सकेगा। प्राचीन मान्यताओं आधार पर सूर्यदेव जिस तारीख को मकर राशि में प्रवेश करते हैं, उसी तारीख को मकर संक्रांति मनानी चाहिए। वहीं तिथियों व अन्य मान्यताओं आधार पर भारतीय मतानुसार दिन की गणना सूर्योदय से सूर्योदय तक होती है। इस वजह से भी 14 को ही पर्व मनाया जाएगा। वहीं सूर्योदयन तिथि के आधार पर और अंग्रेजी कैलेंडर के आधार पर 14 की रात्रि 12 बजे से दूसरे दिन की शुरुआत हो जाती है। इस वजह से सूर्योदय तिथि और प्रवेश के आधार पर 15 को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। इस वजह से 14 और 15 जनवरी दोनों ही दिन मकर संक्रांति का पर्व रहेगा और पर्व का पुण्यकाल भी रहेगा। ज्योतिषियों के अनुसार मकर राशि में प्रवेश करते ही सूर्यदेव उत्तरायण हो जाएंगे। इससे दिन भी बड़े होने लगेंगे।
दो दिन मनाया जाएगा मकर संक्रांति
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