देश में एल्यूमिनियम की प्रति व्यक्ति खपत बढ़ाने के अवसर: अभिजीत पति

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व्यवसाय के साझेदारों के साथ बालको ने आयोजित की वर्जुअल मीटिंग।
अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ आयोजित वर्चुअल टाउनहॉल में बालको को उत्तरोत्तर प्रगति पथ पर अग्रसर करने का आह्वान।

कोरबा@M4S: पारस्परिक सद्भाव, विश्वास और एकजुटता की भावना को मजबूती देने के उद्देश्य से भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने व्यवसाय के साझेदारों के साथ वर्चुअल मीटिंग आयोजित की। बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक अभिजीत पति ने अपने संदेश में व्यवसाय के साझेदारों का आह्वान करते हुए कहा कि हम सब मिलकर एल्यूमिनियम उत्पादन और औद्योगिक श्रेष्ठता के क्षेत्र में देश को उत्तरोत्तर बुलंदियों की ओर अग्रसर करें। हम सब मिलकर देश की प्रति व्यक्ति एल्यूमिनियम खपत को बढ़ाने की दिशा में काम करें।

श्री पति ने अपने संदेश में यह बताया कि देश में एल्यूमिनियम की खपत प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष लगभग ढाई किलोग्राम है। हमारे समक्ष यह अवसर है कि हम इसे प्रति व्यक्ति 25 किलोग्राम की खपत के स्तर पर ले जाएं। एल्यूमिनियम की अधिक खपत विकास की तेज गति का प्रमुख सूचक है। विश्व में एल्यूमिनियम की औसत खपत प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष लगभग 11.8 किलोग्राम है। विकसित देशों में एल्यूमिनियम का प्रयोग बड़े पैमाने पर किया जाता है। अमेरिका की वार्षिक खपत प्रति व्यक्ति लगभग 30.5 किलोग्राम है जबकि चीन में यह 26 किलोग्राम के स्तर पर है। एल्यूमिनियम धातु वजन के लिहाज से अधिक मजबूत और टिकाऊ होता है। यही वजह है कि इसका प्रयोग अंतरिक्ष उद्योग, वाहनों आदि में किया जाता है। विभिन्न अनुप्रयोगों में एल्यूमिनियम के इस्तेमाल से ऊर्जा की खपत भी कम होती है। सस्टेनिबिलिटी और बार-बार रिसाइकिल कर प्रयोग किए जाने के गुणों से इसकी पहचान ग्रीन मेटल के तौर पर स्थापित है।

श्री पति ने कहा कि श्रेष्ठ प्रबंधन और गवर्नेंस हमें अपने लक्ष्यों की ओर अग्रसर करेंगे। बालको की प्रगति में व्यवसाय के साझेदारों की महत्वपूर्ण भूमिका है। बालको देश की दूसरी ऐसी कंपनी थी जिसे एल्यूमिनियम के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए स्थापित किया गया था। इस कंपनी का विस्तार हुआ और वेदांता समूह के निवेश से आज बालको की उत्पादन क्षमता 5.70 लाख टन प्रति वर्ष पहुंच गई है। बालको देश में सार्वजनिक उपक्रम की पहली ऐसी कंपनी थी जिसका सरकार ने विनिवेश किया था। विनिवेश के दो दशकों में बालको ने तेज प्रगति दर्ज की। वर्ष 2005 तक बालको की उत्पादन क्षमता साढ़े तीन गुना अधिक होकर 3.45 लाख टन प्रति वर्ष तक पहुंची वहीं अब तक बालको की कुल उत्पादन क्षमता में लगभग छह गुना की बढ़ोत्तरी हो चुकी है। विश्वस्तरीय प्रचालन क्षमताओं को अपनाकर बालको ने यह साबित किया कि बेहतरीन प्रबंधन से उद्योगों का कायाकल्प करना संभव है। बालको की सफलता की कहानी आज देश के लिए मिसाल है।

श्री पति ने विश्वास जताया कि बेहतरीन मानव संसाधन, व्यवसाय के अनुकूल वातावरण, सकारात्मक सोच और व्यवसाय के साझेदारों की मदद से बालको सतत प्रगति पथ पर अग्रसर होगा। सत्यनिष्ठा और नैतिक मूल्य बालको की कार्य संस्कृति के अभिन्न अंग हैं। उन्होंने प्रतिभागियों को उत्तम स्वास्थ्य और उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कोविड-19 से हम सब अवश्य जीतेंगे। वर्चुअल मीटिंग के दौरान प्रतिभागियों को वेदांता के केंद्रीय मूल्यों और व्यवसाय के सात स्तंभों से परिचित कराया गया।

बालको अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ आयोजित एक अन्य वर्चुअल टाउनहॉल में श्री पति ने कहा कि हम सब कंधे से कंधा मिलाकर काम करते हुए देश को आत्मनिर्भर बनाने में योगदान दें। कारपोरेट गवर्नेंस के उच्च मानदंडों के पालन के प्रति कर्मचारियों की जागरूकता के लिए अभियान निरंतर संचालित हैं। ऐसी तकनीकों और नए विचारों पर काम करें जिससे उत्पादन लागत को कम करते हुए विश्वस्तरीय मांग के अनुरूप उच्च गुणवत्ता के एल्यूमिनियम उत्पाद तैयार किए जा सकें। डिजिटलाइजेशन, नवाचार, औद्योगिक स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं पर्यावरण आदि क्षेत्रों में प्रक्रियाओं की निरंतर मजबूती की दिशा में काम किया जा रहा है। टाउनहॉल के दौरान आगामी तिमाहियों के लिए तय लक्ष्यों से प्रतिभागियों को परिचित कराया गया। विभिन्न विभागों ने अपने कार्य प्रदर्शनों और लक्ष्य प्राप्ति संबंधी आंकडे की जानकारी दी।

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