देना बैंक एटीएम में गार्ड को बंधक बनाकर लूट का प्रयास

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सीसीटीवी फूटेज में कैद हुआ आरोपी, मामले की जांच में जुटी पुलिस
कोरबा@M4S:टीपीनगर मुख्य मार्ग पर स्थित देना बैंक के एटीएम में लूट कके प्रयास का मामला सामने आया है। चाकू लेकर पहुंचे युवक ने एटीएम में तैनात गार्ड के हाथ-पैर बांधकर बंधक बना लिया और लूट का प्रयास किया। लेकिन एटीएम से रकम निकालने में सफल नहीं रहा।
वारदात में नाकाम होने के बाद आरोपी मौके से भाग निकला। गार्डा द्वारा बैंक मैनेजर को वारदात की खबर दी गई। मामले की सूचना सीएसईबी चौकी पुलिस को दी गई। मामले में पुलिस ने गार्ड के बयान के आधार पर मामले की जांच प्रारंभ कर दी है। एटीएम में लगे सीसीटीवी कैमरे में आरोपी कैद हो गया है। फूटेज के आधार पर उसकी पतासाजी की जा रही है।m2 m1
जानकारी के अनुसार सीएसईबी चौकी अंतर्गत टीपीनगर मुख्यमार्ग पपर देना बैंक स्थित है। बैंक के बगल में ही एटीएम है। एटीएम में सुरक्षा कर्मी बाल्को बेंदरकोना निवासी मंजीत पटेल 23 वर्ष ड्यूटी पर तैनात था। इगल सिक्यूरिटी कंपनी का गार्ड मंजीत पटेल तीन माह पहले ही एटीएम सुरक्षा के लिए नियोजित किया गया था। उसकी ड्यूटी रात्रि ्र10 से सुबह 6 बजे तक थी। गार्ड मंजीत पटेल ने बताया कि रात्रि लगभग 3.30 बजे एक युवक चाकू लेकर एटीएम में घूस आया और चाकू की नोक पर आरोपी ने उसका हाथ-पैर बांध दिया। उसे बंधक बनाकर आरोपी ने एकटीएम के रकम रखे जाने वाले हिस्से को तोड़ दिया। जिसके बाद उसने स्क्रू भी खोल लिया लेकिन एटीएम से रकम लूटने में वह सफल नहीं हुआ। काफी देर तक वह वारदात को अंजाम देने का प्रयास करता रहा। लेकिन सफल नहीं होने पर वह मौके से फरार हो गया। किसी तरह गार्ड मंजीत ने सुबह लगभग 5.30 बजे शाखा प्रबंधक विवेक सक्सेना को वारदात के संबंध में जानकारी दी। वारदात की खबर मिलते ही अधिकारी कर्मचारी मौके पर पहुंच गए। घटना की सूचना सीएसईबी चौकी पुलिस को दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच प्रारंभ कर दी। बताया जाता है कि पुलिस एटीएम में लगे सीसीटीवी कैमरे के फूटेज के आधार पर आरोपी की तलाश में जुट गई है।
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कहीं प्रायोजित तो नहीं वारदात
जिस तरह से एटीएम के गार्ड मंजीत पटेल ने पुलिस को बताया है कि एक युवक चाकू लेकर एटीएम में घूसा और चाकू की नोक पर उसके हाथ-पांव बांध दिए। यह बात पुलिस के गले नहीं उतर रही है। आरोपी द्वारा हाथ-पैर बांधते समय तो चाकू उसके हाथ में नहीं रहा होगा। इस दौरान तो गार्ड उसे पकडऩे का प्रयास कर सकता था। या फिर वहां से भागकर चौकी पहुंच सकता था। लेकिन उसने ऐसा कुछ नहीं किया। जिसके कारण यह वारदात कहीं प्रायोजित तो नहीं थी, इसकी भी विवेचना की जा रही है। कहीं गार्ड ने तो अपने साथी के साथ मिलकर वारदात को अंजाम देने साजिश तो नहीं रची थी। इस बात की जांच भी चल रही है।
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