नई दिल्ली(एजेंसी):राजधानी दिल्ली में यमुना किनारे श्रीश्री रविशंकर का तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू हो चुका है। हालांकि कार्यक्रम शुरू होने से कुछ समय पूर्व बारिश की वजह से थोड़ी अफरातफरी का माहौल कायम हो गया था। इस कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी भी पहुंच चुके हैं। ससे पहले राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने इस तीन दिवसीय सांस्कतिक कार्यक्रम के सिलसिले में पांच करोड़ देने से इनकार करने संबंधी श्रीश्री रविशंकर के बयान पर आज कड़ा एतराज जताया लेकिन उनके संगठन को इसके भुगतान के लिए और वक्त दिया।एनजीटी रविशंकर के इस बयान से क्रुद्ध नजर आया कि वह जुर्माना नहीं भरेंगे और जेल जाना पसंद करेंगे। पैनल ने कहा, जब उनके दर्जे का कोई व्यक्ति ऐसा बयान देता है तो यह कानून के शासन पर एक प्रहार होता है। यदि कोई अधिकरण की छवि पर प्रहार करता है तो कानून का शासन उसके प्रति अपना काम करेगा।हालांकि एनजीटी ने रविशंकर के आर्ट ऑफ लिविंग (एओएल) फाउंडेशन की यह गुजारिश मान ली कि वह परमार्थ संगठन है और इतने कम समय में पांच करोड़ रुपये की इतनी भारी राशि जुटाना उसके लिए कठिन है। अधिकरण ने एओएल को तत्काल 25 लाख रूपए देने को कहा अन्यथा केंद्र द्वारा उसके लिए मंजूर 2.5 करोड़ रुपये का अनुदान जब्त कर लिया जाएगा।एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अगुवाई वाली पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि पांच करोड़ रुपये की राशि पर्यावरण क्षतिपूर्ति, न कि जुर्माना समझी जाए। पीठ ने कहा कि यदि एओएल 25 लाख रुपये का भुगतान नहीं करता है तो वह उस 2.5 करोड़ रुपये के अनुदान को ब्त कर लेगा जिसे संस्कति मंत्रालय ने इस कार्यक्रम के वास्ते एओएल के लिए मंजूर किया है।