नई दिल्ली(एजेंसी):दशहरा को हिन्दू धर्म में बेहद खास माना जाता है। दशहरा को विजयादशमी के रूप में भी जाना जाता है। दशहरा का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन शस्त्र, शास्त्र और शक्ति को पूजा जाता है। इसके पीछे उद्देश्य यह है कि शास्त्रों की रक्षा शस्त्र करते हैं। इसलिए सर्वत्र शांति के लिए शस्त्र पूजन होता है। भगवान राम ने भी शस्त्र तभी उठाए, जब शांति से बात नहीं बन सकी।
विजयादशमी पर इस विधि से करें शस्त्र पूजन
इस दिन सभी अपने शस्त्रों का पूजन करते है। सबसे पहले शस्त्रों के ऊपर जल छिड़क कर पवित्र किया जाता है फिर महाकाली स्तोत्र का पाठ कर शस्त्रों पर कुंकुम, हल्दी का तिलक लगाकर हार पुष्पों से श्रृंगार कर धूप-दीप कर मीठा भोग लगाया जाता है। शाम को रावण के पुतले का दहन कर विजया दशमी का पर्व मनाया जाता है।
शुभ मुहूर्त
दशमी तिथि की शुरूआत 29 सितंबर रात 11 बजकर 49 मिनट से शुरू होकर 1 अक्टूबर रात 1 बजकर 35 मिनट तक रहेगी।