कोरबा@m4s:दीपका-गेवरा कोयला खदानों के रिहायशी इलाकों में बाहर के ड्राईवरों और हेल्परों की आवाजाही रोकने के लिए गांधी मैदान में डम्पिंग यार्ड तैयार हो गया है। यह डम्पिंग यार्ड दीपका क्षेत्र में सिरकी मोड़ गांधी मैदान में बनाया गया है। इस डम्पिंग यार्ड में कोल परिवहन करने वाले लगभग तीन सौ वाहनों को खड़े करने की सुविधा विकसित की गई है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज एसपी श्री अभिषेक मीणा के साथ दीपका पहुंचकर डम्पिंग यार्ड में विकसित की गई सुविधाओं और व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। दोनों अधिकारियों ने रायगढ़, बिलासपुर जैसे शहरों से गाड़ियां लेकर आये ड्राईवरों से भी बात की और उनके लिए की गई व्यवस्थाओं के बारे में पूछा। ड्राईवरों ने एक ही स्थान पर रूकने, खाने-पीने के साथ-साथ नहाने और शौचालय की व्यवस्था मिल जाने पर कलेक्टर का आभार जताया। रायगढ़ से कोयला लेने आये एक ड्राईवर ने कहा कि पहले गाड़ी लेकर आने पर सड़क किनारे खड़ा करके खाने-पीने, नहाने के लिए अलग-अलग भटकना पड़ता था। अब एक जगह पर व्यवस्था हो जाने से काफी आसानी हो गई है। कलेक्टर ने सभी ड्राईवरों को मास्क लगाने, बार-बार हाथ धोने, सेनेटाईजर का उपयोग करने और अपनी ही गाड़ी में रहने की समझाईस दी। उन्होंने डम्पिंग यार्ड परिसर में ड्राईवरों के खाने के लिए संचालित ढाबे के प्रबंधक से भी पूछताछ की। कलेक्टर ने किसी भी स्थिति में ड्राईवरों को ढाबे पर बैठाकर खाना नहीं खिलाने की हिदायत दी और ड्राईवरों को केवल खाने के पार्सल ही उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। श्रीमती कौशल ने डम्पिंग यार्ड में किसी भी तरह से शराब की उपलब्धता प्रतिबंधित करने के लिए भी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए।
उल्लेखनीय है कि कोल परिवहन करने वाली गाड़ियों को लेकर आने वाले बाहर के ड्राईवरों और हेल्परों से खदानों के आबादी क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण फैलने की रोकथाम के लिए यह व्यवस्था की गई है। कुसमुंडा के लक्ष्मण यार्ड और गेवरा के हेलीपेड यार्ड में भी इसी तरह के डम्पिंग यार्ड विकसित किये जा रहें हैं। आगामी दो-तीन दिनों में यह दोनों यार्ड भी कार्यशील हो जायेंगे।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने जिले के सभी कोल क्षेत्रों के रिहायसी इलाकों और बस्तियों में बाहर के ड्राईवर, हेल्पर, श्रमिकों आदि को नियंत्रित करने के लिए विशेष टास्क फोर्स बनाई है। जिला प्रशासन द्वारा कोल क्षेत्र में चलने वाले वाहनों के ड्राईवरो, कंडेक्टरों, हेल्परों से रिहायसी क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना को देखते हुए विशेष सावधानी बरती जा रही है।
दीपका, गेवरा माईनिंग क्षेत्र के पास सघन आबादी वाली बस्तियां हैं। इन क्षेत्रों में कोयला परिवहन वाली गाड़ियों के साथ ड्राईवर, हेल्पर जैसे बाहरी लोगों का बड़ी संख्या में आवागमन प्रतिदिन होता रहता है। दीपका सहित सभी कोल क्षेत्र के आसपास की बस्तियां कोरोना संक्रमण हेतु संवेदनशील जोन हो सकती है तथा इन गाड़ियों के परिवहन से कोरोना संक्रमण का फैलाव भी हो सकता है। इसलिए किसी भी स्थिति में कोयला परिवहन में लगी गाड़ियां बस्ती एवं बस्ती के आसपास क्षेत्र में खड़ी न हो और गाड़ियों के चालक-परिचालक आबादी क्षेत्र में अनावश्यक रूक कर रात्रि विश्राम तथा भ्रमण न करें, इसके लिए जरूरी इंतजाम किये जा रहे हैं। टास्क फोर्स के सदस्य इन कोल क्षेत्रों में प्रतिदिन पेट्रोलिंग करके हर एक स्थिति पर नजर रखेंगे। बनने वाले डम्पिंग यार्डों में बाहर से आने वाले वाहनों के रूकने का स्थान, आटो पाट्र्स दुकान हेतु स्थान एवं रिपेयर स्थल शुरू किये जा रहे हैं। यहां ड्राईवरों-हेल्परों के लिये शौचालय, स्नानागार आदि की भी अस्थायी व्यवस्था की जा रही है। पूरे यार्ड क्षेत्र की पर्याप्त बेरिकेटिंग लगाकर निगरानी की जायेगी।
ड्राईवर, हेल्परों के लिए तैयार हुआ गांधी मैदान का डम्पिंग यार्ड, कलेक्टर-एसपी ने किया निरीक्षण गैरेज, भोजन सहित शौचालय-स्नानागार की भी व्यवस्था, लगभग तीन सौ ट्रक एक साथ खड़े करने की क्षमता
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