‘डियर’ विवाद के जवाब में ‘आंटी नेशनल’ बनकर फेसबुक पर आईं स्मृति

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नई दिल्ली(एजेंसी):केन्द्रीय मानव विकास संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने ‘डियर’ कहने पर हुए विवाद को लेकर फेसबुक पर एक खुला खत लिखा है। अपने खुले खत में उन्होंने उन लोगों को जवाब दिया है जो ट्विटर विवाद पर उन पर निशाना साध रहे थे।

बिहार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी के ‘डियर’ शब्द को लेकर विवाद पर स्मृति ईरानी ने फेसबुक पर मोर्चा खोला है। आपको बता दें कि मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी मंगलवार को बिहार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी के एक ट्वीट में ‘डियर’ शब्द के इस्तेमाल पर भड़क गईं थीं। चौधरी ने स्मृति को संबोधित करते हुए एक ट्वीट लिखा था जिसकी शुरूआत उन्होंने ‘डियर’ लिखकर की थी।

उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा:

‘मेरी परवरिश मध्यम वर्गीय माहौल (लुटियन जोन को छोड़कर) में हुई है। तमाम लड़कियां जो स्कूल-कॉलेज जाती है या बाजार से सामान-सब्जिया लाती हैं, अक्सर उनसे कहा जाता है कि यदि कोई लड़का या लड़के छेड़ते हैं, तो उनकी तरफ मत देखो सीधे चलते रहो। कोई प्रतिक्रिया या प्रतिरोध मत करो चाहे खुद को कितना भी प्रताडि़त महसूस करो। मगर कुछ विद्रोही किस्म की भी होती हैं, जो सवाल उठाती हैं क्यों? क्यों प्रतिरोध न करें? क्यों मुंह बंद रखें? इसका नपा-तुला जवाब आता है कि कोई फायदा नहीं होगा। नुकसान तुम्हारा होगा। लड़के का कुछ नहीं बिगड़ेगा।’

‘दूसरा सीन- आप बड़ी होती हैं। टीवी स्टार बनती हैं। मगर जब आप सफलता के लिए संघर्ष कर रही होती हैं तब आपको सलाह दी जाती है कि पार्टी में जाओ, लोगों से घुलो-मिलो तब काम मिलेगा। और जब आप चुकी हुई स्टार नहीं होती, न ही बेरोजगार होती हैं बल्कि आप अपनी सफलता के शिखर पर होती हैं। आपको लड़ने के लिए कठिन लड़ाई दी जाती है। आप इसे स्वीकार करती हैं (चांदनी चौक और अमेठी आसान नहीं थे मेरे दोस्तों)। आप जमीनी स्तर पर काम करके उठी। राज्यसभा के लिए नामित होने वाली संभवत: सबसे युवा महिला बनीं, एशिया पैसिफिक प्रतिनिधि के तौर पर निर्विरोध चुनी गईं, सीरिया संकट की ड्राफ्टिंग कमेटी का हिस्सा बनीं। जिस मिनट आपको एचआरडी मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया कुछ बुद्धिजीवी बोले ‘अनपढ़’ हैं। अचानक नियम बदल गए। आप जिसे हमेशा पोडियम पर महिलाओं के अधिकार के लिए अपनी बात रखने की प्रशंसा मिलती रही, कहा गया कि अपने मन की बात मत कहो। तुम्हें प्रताडि़त करने के लोगों के प्रयासों को नजरंदाज कर दो। क्योंकि नुकसान तुम्हारा होगा। उनका कुछ नहीं बिगड़ेगा।’

‘किसी भी कर्मचारी महिला से पूछिए, वे क्या करें जब आपके साथी अपने काम को समय पर पूरा नहीं करते और आपके लिए उस काम की जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के प्रयास बेकार हो जाते हैं। अगर वे जोर देती हैं वह अन्य कर्मियों के साथ मिलकर आपको अक्षम साबित करने की कोशिश करते हैं। एक सफल महिला आपसे हमेशा यह कहेगी कि वह इस पर लगाम लगाना जारी रखेगी।’
सादर
– आंटी नेशनल

उन्होंने यह भी लिखा, ‘मुझे खुद को ‘आंटी नेशनल’ कहलाने से कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं आलोचना का सामना करने में विश्वास रखती हूं। आपको बता दें कि हाल ही में एक अंग्रेजी अखबार ने उनके लिए ‘आंटी नेशनल’ शब्द का इस्तेमाल किया था’।

गौरतलब है कि चौधरी ने अपने ट्वीट में लिखा- ‘डियर स्मृति ईरानी जी, हमें नई एजुकेशन पॉलिसी कब मिलेगी? आपके कैलेंडर में साल 2015 कब खत्म होगा?’ स्मृति ने जब चौधरी के इस सवाल को महिलाओं के सम्मान से जोड़ दिया तब चौधरी ने ट्वीट किया कि उन्होंने अपमान नहीं सम्मान की तौर पर इस शब्द का इस्तेमाल किया और प्रोफशनल बातचीत या मेल्स की शुरुआत ‘डियर’ शब्द से ही होती है। उन्होंने कहा- स्मृति जी, मुद्दे को गोल-गोल घुमाने से अच्छा है कभी सही जवाब भी दे दिया करिए।’

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