घर जाने की जल्दी में प्रवासी श्रमिकों ने फैलाई भूत-पे्रत की बात किसी श्रमिक को नहीं पिलाया गया मूत्र, मानसिक तनाव रहा घटना का मुख्य कारण *कलेक्टर के निर्देश पर चार अधिकारियों के दल ने की प्रकरण की जांच,सौंपी रिपोर्ट*

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कोरबा@M4S: करतला विकासखंड के पटियापाली हाईस्कूल के क्वारेंटाइन सेंटर में किसी भूत-पे्रत का साया नहीं है। इस सेंटर में भूत-पे्रत के साये से प्रभावित होने पर प्रवासी मजदूर को मूत्र पिलाने की घटना भी अफवाह मात्र निकली। घटना के समाचार पत्रों में प्रकाशन के बाद कलेक्टर किरण कौशल ने इसके त्वरित जांच के निर्देश दिये थे। डिप्टी कलेक्टर देवेन्द्र प्रधान की नेतृत्व में नायब तहसीलदार बरपाली, करतला के खंड शिक्षाधिकारी और उरगा थाना प्रभारी ने आज सुबह पटियापाली हाईस्कूल पहुंचकर पूरे मामले की जांच की। जांच से स्पष्ट हुआ है कि सेंटर में रूके प्रवासी मजदूरों ने ही जल्दी घर जाने की चाह में भूत-पे्रत का साया होने की अफवाह अन्य मजदूरों के बीच फैलाई थी। जांच दल ने क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवासी श्रमिकों के शपथपूर्ण बयान भी लिये और डाक्टर की मौजूदगी में मजदूरों की मानसिक कांउंसिलिंग भी की गई। क्वारेंटाइन सेंटर में रूके मजदूरों ने जांच दल को दिये अपने बयान में स्पष्ट किया है कि खेती-किसानी का समय होने के कारण सभी लोग जल्दी अपने-अपने घर जाना चाहते हैं। क्वारेंटाइन सेंटर से उन्हें निर्धारित समयावधि पूरा करने के पहले घर जाने नहीं दिया जा रहा था। मजदूरों ने भूत-पे्रत के नाम पर भय फैलाकर जल्दी घर जाने की सोंच के साथ यह अफवाह फैलाई थी। प्रवासी श्रमिकों ने यह भी स्पष्ट किया कि भूत-पे्रत की साये के नाम पर किसी भी प्रवासी मजदूर को मूत्र पिलाने जैसी घटना क्वारेंटाइन सेंटर में नहीं हुई है।
घटना की जांच के लिए आज क्वोरंटाइन सेंटर में जांच दल में शामिल अधिकारियों के साथ डा. पवन मिश्रा भी शामिल थे। उन्होने सेंटर में रूके सभी प्रवासी श्रमिकों से बात की और भूत-पे्रत जैसे अंधविश्वास को दूर करने के लिए उनकी मानसिक कांउंसिलिंग भी की। डा. मिश्रा ने सभी श्रमिकों को योग करने की सलाह भी दी। पटियापाली के क्वारेंटाइन सेंटर में 62 प्रवासी श्रमिकों को रखा गया है। चार श्रमिकों के कोरोना संक्रमित होने के कारण उन्हें कोरबा के कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सेंटर में रूके एक प्रवासी श्रमिक की तबियत खराब होने के कारण उसे आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है। अभी सेंटर में 57 प्रवासी श्रमिक रूके हैं। जांच के दौरान सुखरी खुर्द निवासी और उत्तर प्रदेश से लौटे प्रवासी श्रमिक श्री श्यामलाल ने बताया कि क्वारेंटाइन सेंटर में भूत-पे्रत का साया या किसी श्रमिक को भूतपे्रत के प्रभाव में होने के कारण मूत्र पिलाने जैसी कोई घटना नहीं हुई है। महिला श्रमिक लक्ष्मीन बाई ने बताया कि वे गर्भवती हैं और डाक्टर ने उनका मेडिकल चेकअप किया है तथा टीका भी लगाया गया है।
क्वारेंटाइन सेंटर के प्रभारी श्री घनश्याम प्रसाद शर्मा में बताया कि पिछले दिनों प्रवासी श्रमिक लक्ष्मीन बाई की तबियत खराब होने पर जांच के लिए डा. पवन मिश्रा को बुलाया गया था। डा. पवन मिश्रा ने बताया कि मरीज का मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं है। जिसके कारण वे कभी भी किसी को भी कुछ भी बोल देती हैं। इस कारण से अन्य प्रवासी श्रमिकों ने लक्ष्मीन बाई पर भूत-पे्रत का साया होने की अफवाह फैलाई थी। डा. पवन मिश्रा ने यह भी बताया कि क्वारेंटाइन सेंटर के एक अन्य श्रमिक चंद्रशेखर के सीने में दर्द होने और उस पर भी भूत-पे्रत का साया होने की आशंको को लेकर ईलाज के लिए सेंटर में बुलाया गया था। परंतु भूत-पे्रत जैसी कोई बात श्रमिक के साथ नहीं थी।

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