गांधीजी की 150वीं जयंती से पहले, उनकी कुछ दुर्लभ फिल्में मिलीं

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पुणे(एजेंसी):महात्मा गांधी की 150वीं जयंती से कुछ दिन पहले, नेशनल फिल्म आर्काइव ऑफ इंडिया(एनएफएआई) ने राष्ट्रपिता से संबंधित 30 रीलों के असंपादित फूटेज या छह घंटे की ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म की खोज की घोषणा की है। इसे उस समय के प्रसिद्ध फिल्म स्टूडियो ने फिल्माया था। एक शीर्ष अधिकारी ने यहां शुक्रवार को इसकी जानकारी दी।

एनएफएआई के निदेशक प्रकाश मगदूम ने कहा कि एक निजी अनाम श्रोत से पारामाउंट, पाथे, वार्नर, यूनिवर्सल, ब्रिटिश मूवीटोन, वाडी मूवीटोन जैसे स्टूडियो द्वारा शूट किए गए 35 एमएम सैल्यूलाइड फूटेज, असंपादित और स्टॉक शॉट्स को प्राप्त किया गया।

मगदूम ने कहा, “इन संग्रहों में कुछ दुर्लभ फूटेज के होने की संभावना है। इसमें कई दृश्य अब शार्ट फिल्मों और वृत्तचित्रों के हिस्सा हैं। कुछ का प्रयोग किया गया है जबकि कुछ विशिष्ट हैं।”

इसमें से कुछ अंश एक विशेष ट्रेन के दुर्लभ 30-मिनट के वीडियो के अंश है, जिसमें गांधीजी के अस्थि कलश को मद्रास से रामेश्वरम ले जाया जा रहा है। इस दौरान रास्ते में आने वाले स्टेशनों चेट्टनाड, शिवगंगा, चिदंबरम, मानामदुरैई जंक्शन, रामनाड, पुडुक्कोटाई और तमिलनाडु के अन्य स्टेशनों पर लोग रोते हुए दिख रहे हैं।

फूटेज में मद्रास के मरीना बीच पर लोगों का जनसैलाब दिखाई दे रहा है, जो महात्मा को अंतिम विदाई देने पहुंचे थे। कुछ और दुर्लभ दृश्य में गांधीजी के दूसरे पुत्र मनीलाल गांधी हवाईअड्डे पर दिख रहे हैं, जो दक्षिण अफ्रीका के डरबन के फोनिक्स में प्रकाशित होने वाले गुजराती-अंग्रेजी साप्ताहिक ‘इंडियन ऑपेनियन’ के संपादक थे।

एक रील में महात्मा गांधी और कस्तूरबा गांधी को महाराष्ट्र में वधार् के सेवाग्राम आश्रम में कई गतिविधियों को करते हुए देखा जा सकता है, जहां महात्मा गांधी पौधारोपण कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं, रोगियों की सेवा कर रहे हैं और मशीन की सहायता से खेत को जोत रहे हैं, जबकि कस्तूरबा ऐतिहासिक आश्रम में गाय को चारा खिला रही हैं।

उनके अहमदाबाद, पोरबंदर, राजकोट दौरे और उनके खाली घर के दृश्य मिले हैं। इसके अलावा स्कूल के लाइब्रेरी रजिस्टर में उनके अंकित नाम और महाराष्ट्र में किसी जगह श्री शिवाजी कॉलेज के वार्षिक समारोह में शामिल होने के भी दृश्य मिले हैं।

प्राप्त कलेक्शन में उनकी हत्या से पहले के कुछ दिनों, हत्या के बाद उनके पार्थिव शरीर के क्लोज-अप, खून से सने कपड़े, मीडिया रिपोर्ट, अंतिम दर्शन और राजघाट की ओर जाते जुलूस के दृश्य मिले हैं।

मकदूम ने कहा, “यह महात्मा गांधी का एक आकर्षक दृश्य संग्रह है और आज के समय में इसे सैल्यूलाइड फॉरमेट में प्राप्त करना एक आश्चर्य की तरह है। 35 एमएम का फुटेज मास्टर पॉजिटिव फॉमेर्ट में है और इसमें आवाज नहीं है। हमने लंबे समय तक संरक्षित करने के दृष्टिकोण से डुप्लीकेट निगेटिव बनाई है, जो कि प्रदर्शनी फॉमेर्ट में है।”

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