कोरबा@M4S:राज्य एवं जिले के बाहर से आने वाले प्रवासी मजदूरों को क्वारन्टाईन पर रखने हेतु नगर निगम कोरबा क्षेत्र में बनाए गए क्वारन्टाईन सेंटरों में बेहतर व्यवस्था बनाने तथा ठहराए गए प्रवासी मजदूरों को चाय नाश्ता भोजन सहित अन्य आवश्यक सुविधाएं देने में नगर निगम कोरबा ने अपनी पूरी ताकत लगा रखी है। पृथक-पृथक क्वारन्टाईन सेंटरों में जोनवार अधिकारी कर्मचारियों की तैनाती की गई है, जो अपने स्वयं की परवाह किए बिना, केवल सेवा भावना के साथ मजदूरों के लिए चाय, नाश्ते, भोजन शयन, लाईट, पानी, बिजली व साफ-सफाई संबंधी कार्यो को पूरी निष्ठा के साथ पूरा कर रहे हैं।
नोवल कोरोना वायरस से उत्पन्न इस आपदा की इस घड़ी में काम धंधे छूट जाने के कारण छत्तीसगढ़ राज्य के बाहर से तथा राज्य के अन्य जिलों से प्रवासी मजदूर कोरबा पहुंच रहे हैं। कोविड-१९ के प्रोटोकाल के तहत इन प्रवासी मजदूरों को १४ दिन तक क्वारन्टाईन पर रखा जाना हैं, क्वारन्टाईन पर रखे गए प्रवासी श्रमिकों की सेवा सहायता तथा सेंटरों की व्यवस्था का जिम्मा नगर पालिक निगम कोरबा के अधिकारी कर्मचारियों ने पूरी निष्ठा के साथ संभाल रखा है। निगम क्षेत्र में प्रवासी श्रमिकों के लिए अभी तक ०५ क्वारन्टाईन सेंटर बनाए गए हैं, जहां पर श्रमिकों को पूरी सुविधा के साथ रखा जा रहा है। निगम द्वारा इन सेंटरों में श्रमिकों के ठहरने के लिए गद्दे, तकिए, चादर सहित नाश्ता, चाय, भोजन, शुद्ध पेयजल, प्रकाश व अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं की गई है, साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था बनाई गई है तथा सफाई के लिए स्वच्छता कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। इन सेंटरों में ड्यूटी देने वाले निगम के कर्मचारी अपनी स्वयं की परवाह न कर पूरी निष्ठा के साथ प्रवासी श्रमिकों को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं। प्रवासी श्रमिकों को सुबह ०८ बजे चाय एवं नाश्ता, दोपहर ०१ बजे भोजन, शाम ०४ बजे चाय एवं रात्रि ०८ बजे रात का भोजन दिया जा रहा है, वहीं नहाने व कपड़ा धोने के लिए पृथक-पृथक साबुन, मच्छरों के लिए अगरबत्ती, लाईट बंद हो जाने की स्थिति में इमरजेंसी लाईट भी प्रत्येक कमरे में उपलब्ध कराई गई है। इन सेंटरों में विभिन्न कार्यो हेतु अधिकारी कर्मचारियों की ०३ पाली में ड्यूटी लगाई गई है, कर्मचारियों की ड्यूटी क्रमशः सुबह ०६ बजे से दोपहर ०२ बजे, दोपहर ०२ बजे से रात्रि १० बजे, रात्रि १० बजे से सुबह ०६ बजे निर्धारित की गई है, ड्यूटी में तैनात किए गए अधिकारी कर्मचारी पूरी निष्ठा के साथ अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
हो रहा आत्मसंतोष का अनुभव -मिनीमाता कन्या महाविद्यालय के पीछे स्थित छात्रावास में बनाए गए क्वारन्टाईन सेंटर में ड्यूटीरत उप अभियंता श्री देवेन्द्र स्वर्णकार ने बताया कि जैसे ही सेंटर में प्रवासी श्रमिक लाए जाते हैं, उनका १६ बिन्दुओं की जानकारी के साथ पंजीयन किया जाता है, श्रमिक का नाम, मोबाईल नम्बर, आधार नम्बर, स्थानीय पता, किस स्थान से आएं हैं आदि जानकारी ली जाती है तथा उनका चिकित्सकीय परीक्षण के पश्चात उन्हें रूम एलाट किया जाता है, रूम में सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं। क्वारन्टाईन सेंटर में अपनी सेवा देने पर कैसा लग रहा है, पूछे जाने पर श्री स्वर्णकार ने कहा कि निश्चित रूप से हमें एक सेवा का अवसर मिला है, इससे हमें आत्मसंतोष प्राप्त हो रहा है कि इस संकट की घड़ी में हम किसी के काम आ रहे हैं।
सेवा कर रहे हैं तो परवाह कैसी- उक्त सेंटर में कार्यरत निगम के समयपाल श्री गुरूप्रसाद तिवारी से जब पूछा गया कि क्वारन्टाईन सेंटर में कार्य करते हुए उन्हें कैसा महसूस हो रहा है और क्या डर नहीं लग रहा, तो उन्होने कहा कि जो प्रवासी श्रमिक बाहर से आयें हैं, वे निश्चित रूप से परेशानहाल हैं, उनमें से कोई संक्रमित है या नहीं, यह नहीं कहा जा सकता, किन्तु हम तो सेवा भावना के साथ काम कर रहे हैं तो फिर परवाह कैसी।
पूरी सुरक्षा के साथ दे रहे हैं सेवा- मिनीमाता कन्या महाविद्यालय हास्टल के क्वारन्टाईन सेंटर में साफ-सफाई कार्य संभाल रहे, सफाईमित्र श्री पंची एवं श्री मनोज से जब पूछा गया कि वे क्वारन्टाईन सेंटर के बाहर-भीतर सफाई का काम कर रहे हैं, उन्हें किसी प्रकार का डर तो नहीं लगा रहा तो इन सफाईमित्रों ने कहा कि हम पूरी सुरक्षा के साथ तथा चेहरे पर मास्क, हाथों में ग्लब्स, पैरो में गमबूट तथा सिर ढक कर साफ-सफाई का कार्य कर रहे हैं, यह हमारी ड्यूटी है, हम अपनी सेवा दे रहे हैं, तो फिर इसमें डरना क्या।