कोरबा जिले के 56 नालों पर हो रहे सिंचाई और जल संवर्धन के काम

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लूज बोल्डर चेक, भूमिगत डाईन निर्माण, गौबियन स्ट्रक्चर जैसे एक हजार 303 काम पूरे
कोरबा@M4S:राज्य शासन की महत्वकांक्षी नरवा, गरूआ, घुरवा, बाड़ी योजनांतर्गत नरवा विकास के तहत जिले में 56 नालों का विकास हो रहा है। नालों का विकास होने से सिंचाई का रकबा बढ़ेगा तथा भूमिगत जल स्तर में भी सुधार होगा। नरवा विकास होने से जिले में जल स्त्रोतों का पुनर्जीवन होगा जिससे पानी की समस्या भी दूर होगी। नरवा विकास योजनांतर्गत सिंचाई सुविधाओं में विस्तार किया जा रहा है जिससे लोगों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। नरवा विकास कार्यक्रम में सिंचाई का क्षेत्र बढ़ाने और भू-जल संरक्षण और संवर्धन के लिये संचालित की जा रही नरवा विकास योजना के तहत वन क्षेत्रों में भू-जल संरक्षण तथा जल स्त्रोतों, नदी-नालों और तालाबों को पुनर्जीवित करने का कार्य किया जा रहा है। मनरेगा मद से राजस्व क्षेत्र में 48 तथा कैम्पा मद से वन विभाग द्वारा आठ नालों का चयन किया गया है। चयनित नालों में विभिन्न संरचनाएं ब्रश वुड चेक, गली प्लग निर्माण, लूज बोल्डर चेक, भूमिगत डाईन निर्माण तालाब निर्माण, स्टाॅप डेम गौबियन स्ट्रक्चर तथा डबरी निर्माण का कार्य किया जा रहा है।
जिले में नरवा विकास योजनांतर्गत 56 नालों में एक हजार 303 कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं तथा 263 कार्य पूर्णता की ओर अग्रसर है। जिले में 56 नालों के विकास करके दो लाख 22 हजार 049 हेक्टेयर भूमि उपचारित की जा रही है। जनपद कोरबा में 10 नालों का विकास किया जा रहा है जो कि राजस्व और वन क्षेत्रों में स्थित है। दस नालों की कुल लम्बाई 146 किमी है जिससे 23 हजार 523 हेक्टेयर नाले का कैचमेंट एरिया सृजित होगी। इसी प्रकार जनपद करतला में नौ, कटघोरा में आठ, पाली में 12 तथा पोड़ी-उपरोड़ा में नौ नालों का विकास किया जा रहा है। वनमण्डल कोरबा के अंतर्गत एक नाला तथा वनमण्डल कटघोरा के अंतर्गत सात नालों का विकास किया जा रहा है।

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