कोरबा@M4S: इस वर्ष लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) की मैकेनिकल शाखा को जिले के पांचों ब्लॉक अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में 40 स्थानों पर बोर खनन का लक्ष्य दिया गया है जिसकी लागत लगभग 50 लाख आनी है, लेकिन बोर खनन करने वाली मशीन और गाड़ी दोनों ही काफी समय से बीमार पड़ी हुई है। जिसके मेंटेनेंस को लेकर किसी भी तरह की विभागीय चुस्ती नहीं दिख रही है। जिस वजह से संबंधित पीएचई मैकेनिकल विभाग को उसे इस वर्ष मिले लक्ष्य को पूरा करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
विभाग के एसडीओ का कहना है कि जब सैनिक का हथियार ही खराब होगा तो वह किस तरह से युद्ध में उतरेगा यह बताने की आवश्यकता नहीं। एसडीओ ने कहा कि उन्होंने बोर मशीन और गाड़ी के खराब होने की जानकारी पीएचई विभाग के कार्यपालन यंत्री को कई बार दे दी है, लेकिन अब तक इस पर कोई पहल नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि यदि स्थानीय स्तर पर खराब पड़ी बोर मशीन और गाड़ी के मेंटेनेंस को लेकर पहल नहीं होती है तो वह पत्र के माध्यम से इसकी जानकारी मुख्यालय और मंत्रालय को भी प्रेषित कर देंगे। गौर करने वाली बात है कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में जहां भूजल स्तर काफी नीचे होता है। वहां पीएचई मैकेनिकल विभाग के मार्फत ग्रामीणों को बोर खनन के माध्यम से ना केवल पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित होती है, बल्कि खेतों में भी सिंचाई का पानी उपलब्ध हो पाता है। इसके लिए शासन से हर वर्ष पीएचई मैकेनिकल विभाग को बोर खनन के लिए एक निश्चित लक्ष्य दिया जाता है। इस वर्ष विभाग को जिले के पांचों ब्लॉक के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में 40 स्थानों पर बोर खनन का लक्ष्य दिया गया है। वर्ष बीतने को है और अब तक विभाग ने एक भी स्थान में बोर खनन नहीं किया है। विभाग इसकी वजह बोर खनन मशीन और वाहन की खराबी बता रहा है। विभाग का कहना है कि उन्हें जब दुरुस्त संसाधन उपलब्ध नहीं होंगे तो वह किस तरह से इस काम को अंजाम देंगे। लिहाजा इस ओर शासन प्रशासन को ठोस पहल करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग जिले के लगभग 238 ग्राम पंचायतों में योजना के दूसरे चरण के तहत घर-घर नल से जल पहुंचाएगा। जिसके लिए 3 दिन पहले ही निविदा जारी कर दी गई है। खास बात यह है कि इन सभी ग्राम पंचायतों में सौर ऊर्जा के तहत ग्रामीणों को पानी मिलेगा इसके लिए क्रेडा संबंधित गांव में ना केवल सोलर पंप स्थापित करेगा, बल्कि टंकी निर्माण की जिम्मेदारी भी क्रेडा को दी गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन सभी ग्राम पंचायतों में जल्द ही जल जीवन मिशन के दूसरे चरण की शुरूआत होगी।