बिलासपुर@M4S:एसईसीएल के सीएमडी डॉ. प्रेम सागर मिश्रा ने स्वतंत्रता दिवस के अपने संदेश में यह विशेष जोर दिए थे कि एसईसीएल भूविस्थापितों के रोजगार की दिशा में आगे बढ़कर काम कर रही है। चाहते हैं कि सभी के साथ न्याय सुनिश्चित हो तथा सभी को उसका हक मिले। एसईसीएल बोर्ड ने भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया एवं दस्तावेजों से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बदलाव स्वीकृत किए हैं जिससे कि हमारी परियोजनाएँ और तेजी से तथा और सहूलियत से भूमि अधिग्रहण का कार्य कर पायेंगी। हमारी एसईसीएल टीम इसी तरह से सबके प्रति संवेदना तथा सबके साथ संवाद के साथ इस दिशा में कार्य करे।
इसी कड़ी में भूअर्जन के उपरांत एसईसीएल कुसमुण्डा क्षेत्र के कुल 31 प्रकरणों में नौकरी की स्वीकृति के आदेश जारी किए गए, जिसमें से 7 पुराने एवं 24 नए प्रकरण हैं। भूअर्जन के एवज में लंबित प्रकरणों के निपटारे में एसईसीएल प्रबंधन जुटा हुआ है।
एसईसीएल द्वारा राज्य शासन के सहयोग से अर्जित ग्राम जटराज, सोनपुर, पाली, पड़निया, रिसदी एवं खोड़री से विस्थापित होने वाले प्रभावित परिवारों एवं परिसम्पतियों का सर्वेक्षण कार्य की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। पाली ग्राम में लगभग 100 से ज्यादा परिवारों का सर्वेक्षण पूर्ण हो चुका है तथा उनका मुआवजा निर्धारण कार्य प्रारंभ है। साथ ही पड़निया, रिसदी एवं सोनपुरी की भूमि मुआवजा निर्धारण की प्रक्रिया भी आरंभ हो चुकी है। इसी प्रकार विस्थापितों के बसाहट हेतु शासकीय भूमि आबंटन के लिए आवेदन राज्य शासन को प्रस्तुत किया गया है जिसकी स्वीकृति पश्चात सर्वसुविधायुक्त विस्थापन हेतु कॉलोनी निमा्रण जल्द प्रारंभ कर दिया जाएगा।
विस्थापितों के विस्थापन लाभ हेतु एसईसीएल प्रबंधन द्वारा दी जाने वाली राशि हाल ही में वृद्धि कर विस्थापन के बदले 10 लाख रूपये प्रति परिवार किया गया है तथा अन्य लाभों में वृद्धि की गयी है जिससे हितग्राहियों को भरपूर लाभ मिल सकेगा।
एसईसीएल प्रबंधन द्वारा गांव-गांव जाकर यह पहल की जा रही है कि एसईसीएल विस्थापितों एवं राज्य शासन के समन्वयपूर्ण प्रयास से ग्रामवासियों के नामांकन एवं अन्य दस्तावेजों संबंधित समस्याओं का त्वरित निराकरण हो सके जिससे उनके रोजगार, मुआवजा संबंधित प्रकरणों को गति प्रदान की जा सके।