कोरबा@M4S:गैर राजनैतिक संगठन मूलनिवासी मुक्ति मोर्चा द्वारा लघु भारत कोरबा औद्योगिक क्षेत्र में भारतीय संविधान में स्थपित आदर्शो जिनमे लोकतॉत्रिक समाजवाद और जातिविहीन समतामुलक समाज की स्थापना के लिए जन जागृति और सदस्यता अभियान हर गॉव शहर में चलाया जाना है।सत्य अहिंसा और सदाचार के रास्ते समर्पित होकर काम करने वाले समर्पित कार्यकर्ता तैयार करने की दिशा में दिनॉक 16 जुलाई को ग्राम बेलाकछार बालको में मोर्चा की उपसचिव गीता सारथी के निवास में एक बैठक का आयोजन किया गया।बैठक को संबोधित करते हुए मोर्चा के अध्यक्ष गोपाल रिषिकर भारती ने कहा कि भारत देश में आजादी के 72 वर्षो बाद भी देश की बहुसंख्य जनता गरीब और गुलामो बदतर जीवन बिताने मजबूर है ।दुसरी तरफ चन्द मुट्ठी भर लोग देश की संपत्ति और सत्ता पर जातिय पुंजीवाद फैलाकर आम जनता पर शोषण और शासन कर रहे है।हमारा संगठन किसी जाति या व्यक्ति को अपना दुश्मन नहीं मानता हम भारत देश के दो बड़े दुश्मन जातिवाद और पुंजीवाद को मानते हैं ।मात्र 1%गोंडसेवादी और 4%सर्व समाज के पाखंडी तथा कालाबजारी कुल 5%जातीयपुंजीवाद फैलाने वाले तत्व अपने आप देश के दुश्मन बन जाते है।मजदुरो ,किसानो ,गरीबो और आम जनता की सरकार बनाना है तो 10 करोड़ से ज्यादा निजी संपत्ति रखने वालो को जनता अपना अमुल्य वोट न दे और 100करोड़ से अधिक निजी संपत्ति और उद्योगो को राष्ट्रीयकरण करके जनता को रोजगार और बुनियादी सुविधाओ के अधिकारो की गारटी दी जाये ।
बैठक को मोर्चा के केन्द्रीय प्रतिनिधी सुनिल सिन्हा ने अपने संबोधन में मूलनिवासी मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष गोपाल भारती के देश और समाज के प्रति समर्पित जीवन की जानकारी दी।बैठक मे केन्द्रीय सचिव अजकुमार ,जिला उपाध्यक्ष तारा साहु ,कैलानगर सचिव आरती महंत,पार्षद प्रत्यशी सोनमत बरेठ की उपस्थिती मे शुशीला जोशी को जिला सचिव,प्रभात जोशी को जिला युवा उपाध्यक्ष ,कामनी दुबे को बालको क्षेत्र की सचिव ,गीता सारथी को ग्रामीण उपाध्यक्ष तथा कई पदाधिकारी बनाये गये।बैठक मे मनीष दुबे,मुन्नी बाई,तिहारो महंत ,परसादी महंत,शशी देवॉगन,लक्षमी देवॉगन ,चन्द्रीका महंत,अनुसुईया ,अहिल्या देवॉगन ,कजरी बाई,सीमा मानिकपुरी,उमा बरेठ मुख्य रूप से उपस्थित थे,सभा के बाद पुर्व जिला उपाध्यक्ष जिसे लकवा हो गया उनसे मुलाकात कर हालचाल जाना।
आर्थिक समानता के निर्माण: 10करोड़ से ज्यादा निजी संपत्ति रखने वालों को जनता वोट देना बन्द करे..गोपाल रिषिकर भारती
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