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कोरबा@M4S:कोरबा की एक आदिवासी महिला को झाडफ़ूक के नाम पर आगरा में बेचे जाने के मामले में मोरगा पुलिस ने 6 आरोपियों को ग्रिफतार किया है वही दो आरोपी फरार है,दरअसल एक सप्ताह पहले मोरगा के भुलसीभावना गांव से लापता हुई एक आदिवासी महिला ने अपनी बहन को मोबाइल पर कॉल कर बचाने की गुहार लगाई। जिसमें उसने खुद को आगरा में फंसा होना बताया,पुलिस महिला की खोजबीन में जुट गई है। माेरगा चौकी क्षेत्र के ग्राम भुलसीभावना गांव की रहने वाली २३ वर्षीय सुखवारो बाई पति शोभितराम मंझवार शारीरिक दर्द से परेशान रहती है, अंधविश्वास की वजह से वह झाड़फूक का सहारा लेती थी,पिछले दिनों इसी सिलसिले में एक कथित बैगा उसके घर आया था। उसने खुद को गोरखनाथ पुर का होना बताया था। महिला को उसने साथ जाकर आश्रम में इलाज कराने को कहा। महिला समेत उसका परिवार तैयार हो गया।
2 मार्च को बैगा महिला को अपने साथ लेकर वहां से रवाना हो गया। इसके बाद से उसका परिवार से संपर्क नहीं हो रहा था। परिवार चिंतित होकर अपने स्तर पर पतासाजी में जुट गया था। एक सप्ताह बाद मंगलवार को महिला की छोटी बहन मंजू के मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आया। मोबाइल रिसीव करने पर सुखवारो बाई ने रोते हुए कहा कि मैं आगरा में फंस गई हूं। मुझे बचा लो,इसकी सुचना परिजनों ने पुलिस को दी पुलिस की टीम आगरा में दबिश देकर सुखवारो बाई को बरामद कर पुलिस ने कैलाश,राजेश,कमलेश,केशव,निशा को को ग्रिफ्तार कर लिया,वही पार्वती पनिका और शंभू फरार है।पीड़िता ने बताया की उसे शंभू ने अनिल बनिया को तीस हजार में मुझे बेच दिया था