नई दिल्ली@एजेंसी:नवरात्रि का पर्व पूरे देश में धूमधान से मनाया जा रहा है। इन नौ दिनों मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस दौरान लोग मां की विशेष कृपा पाने के लिए व्रत रखते हैं। नवरात्रि के आठवें दिन यानी अष्टमी को कन्याओं का पूजन करने का विधान है। इस बार अष्टमी 17 अक्टूबर को है। इस दिन महागौरी पूजन के साथ-साथ संधि पूजन और दुर्गा अष्टमी पूजन भी किया जाएगा। अष्टमी के दिन मां दुर्गा के आठवें रूप यानी महागौरी की पूजा की जाती है। सुबह महागौरी की पूजा के बाद घर में नौ कन्याओं और एक बालक को भोज कराया जाता है। सभी कन्याओं और बालक की पूजा करने के बाद उन्हें हल्वा, पूरी और चने का भोग दिया जाता है इसके बाद उन्हें भेंट और उपहार देकर विदा किया जाता है। वहीं इस दिन पूजा पंडालों में अस्त्र पूजा और संधि पूजा भी होती है। शाम के समय महाआरती होती है और कई रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त
सुबह 6 बजकर 28 मिनट से 9 बजकर 20 मिनट तक।
सुबह 10 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक।
कैसे करें कन्या पूजन?
कन्या पूजन के दिन सुबह नहा-धोकर भगवान गणेश और महागौरी की पूजा करें। कन्या पूजन के लिए 2 साल से लेकर 10 साल तक की नौ कन्याओं और एक बालक को आमंत्रित करें। सभी कन्याओं को बैठने के लिए आसन दें। फिर सभी कन्याओं के पैर धोएं। अब उन्हें रोली, कुमकुम और अक्षत का टीका लगाएं। इसके बाद उनके हाथ में मौली बाधें। अब सभी कन्याओं और बालक को घी का दीपक दिखाकर उनकी आरती करें।
आरती के बाद सभी कन्याओं को भोग लगाएं। भोजन के बाद कन्याओं को भेंट और उपहार दें।
अष्ठमी 2018: जानें कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त और विधि
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